नई दिल्ली : कनाडा में हुए खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद भारत और कनाडा के संबंधों में बहुत खटास देखने को मिली है. कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 18 सितंबर को संसद में निज्जर की हत्या के लिए भारत को जिम्मेदार बताया था. जिसके बाद से ही डिप्लोमैटिक विवाद बढ़ता जा रहा है. इसी बीच सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने इस मामले को हवा दे दी की राष्ट्रपति भवन से सिख सुरक्षाकर्मियों को हटा लिया गया. इसको लेकर दावा किया जा रहा है कि राष्ट्रपति भवन से सिख सुरक्षाकर्मियों को निज्जर की मौत के बाद बढ़े विवाद को देखते हुए किया है.
इस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर एक यूजर ने लिखा कि भारत सरकार ने राष्ट्रपति भवन की सुरक्षा में लगे सिख सुरक्षाकर्मियों हटा लिया है. भारत सरकार को अपने देश के सैनिकों पर विश्वास नहीं रहा गया हैं. वहीं इसके साथ ही कुछ और यूजर ने इसको और हवा दी. एक यूजर ने लिखा है कि मोदी अगले इंदिर गांधी है, जो सिख सौनिकों को जबरदस्सी छुट्टी पर भेज रहे हैं. कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने दावा किया है कि निज्जर की हत्या का जिम्मेदार भारत है. जिसके बाद राष्ट्रपति भवन में सिख सुरक्षाकर्मियों को बदला जा रहा है.
सोशल मीडिया पर इस तरह के उड रहे अफवाह पर तब विराम लगा जब भारतीय सेना ने अपना स्पष्टीकरण दिया. भारतीय सेना के ऑफिशियल एक्स (ट्विटर) अकाउंट पर जानकारी दी गई. उसमें लिखा गया है कि राष्ट्रपति भवन से सिख सैनिकों को हटाए जाने की खबर भ्रामक है. इंडियन आर्मी ने ये भी लिखा कि सोशल मीडिया पर अराजकतत्व भारतीय सेना को लेकर अफवाह उडा रहे हैं. इस तरह की खबरों से खुद को सतर्क रखे. इसके बाद पीआईबी के फैक्ट चेक ने भी इसको लेकर जानकारी साझा की.
#FakeNewsAlert#Beware
— ADG PI - INDIAN ARMY (@adgpi) September 19, 2023
Fake messages are being spread on social media by inimical agents about soldiers of #IndianArmy, spreading rumours & hate-mongering.
Safeguard yourselves against such fake news. #IndianArmy pic.twitter.com/7q1icOPXdm
Claim: Following Sikh leader Hardeep Singh's assassination, Sikh security personnel at Rashtrapati Bhavan have been replaced & Army is denying leave to Sikh soldiers#PIBFactCheck
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) September 19, 2023
This claim is Fake & shared with intention to create disharmony
No such decisions have been taken pic.twitter.com/wF6bLOXrKK