नई दिल्ली. Human not grow old : दुनिया का कोई इंसान नहीं चाहता कि उसकी उम्र बढ़े. लेकिन ये मानव जीवन का सत्य है कि जो इस धरा पर आया है उसे एक न एक दिन छोड़कर जाना ही पड़ेगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हमारी आत्मा अमर है. यह एक शरीर को छोड़क दूसरी शरीर में प्रवेश कर जाती है. कोई नहीं चाहता की उसकी मृत्यु हो. सब हमेशा यंग बने रहना चाहते हैं. दुनिया के कई संस्थानों में इसे लेकर रिसर्च चल रही है. कई वैज्ञानिक निजि तौर पर उम्र ना बढ़ें इस पर रिसर्च करते हैं. चीन के एक ऐसे ही वैज्ञानिक ने उम्र ना बढ़ने का तोड़ निकाला है.
हे जियानकुई नाम के चीनी वैज्ञानिक ने दाव किया है कि उसने एक खोज की है जो इंसानों को हमेशा यंग रखेगी. इंसान की उम्र नहीं बढ़ेगी. अब इस वैज्ञानिक की बातों में कितनी सच्चाई है इस बात की पुष्टी तो हम नहीं कर सकते. लेकिन इसका दावा है कि उसने 2018 में पहला जीन-एडिटेड बच्चा बनाया था.
जियो न्यूज की रिपोर्ट की रिपोर्ट के अनुसार हे जियानकुई को अवैध चिकित्सा पद्धतियों के लिए सजा भी मिल चुकी है. जियानकुई ने 3 साल जेल में बिताए हैं. जेल से बाहर आने के बाद उसने जीन थेरेपी द्वारा दुर्लभ बीमारियों के इलाज पर अपना ध्यान केन्द्रित किया. उनके नई रिसर्च से लोगों को आपत्ति भी है.
जियानकुई की नई रिसर्च पर आपत्ति जताने वाले लोगों का कहना है कि यह अनैतिक और खतरनाक है. इस रिसर्च में मानव DNA को प्रभावित करने की क्षमता है.
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चीनी वैज्ञानिक ने एक प्रस्ताव में कहा कि बुढ़ापे की आबादी एक सामाजिक, आर्थिक मुद्दा और चिकित्सा प्रणाली पर दबाव दोनों के रूप में गंभीर महत्व रखती है. गर्भावस्था के लिए किसी भी मानव भ्रूण को प्रत्यारोपित नहीं किया जाएगा. इसके प्रयोग से पहले सरकार से अनुमति ली जाएगी. उन्होंने अपनी नई खोज के बारे में प्रस्ताव में जिक्र किया है.
जियानकुई की रिसर्च को लेकर कई वैज्ञानिकों ने आपत्ति भी जताई है. नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर पीटर ड्रोगे ने कहा, “स्पष्ट रूप से कहें तो पूरी बात पागलपन भरी है.”
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जियानकुई द्वारा की गई यह रिसर्च अगर कारगर साबित हुई तो यह मानव इतिहास में एक सबसे बड़ी खोज कहलाएगी. हालांकि, उनकी इस रिसर्च में कितनी ताकत है, इस बात को लेकर वैज्ञानिकों के बीच जुबानी जंग भी छिड़ गई है.
चेतावनी: ऊपर दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. हम इसके सही या गलत होने की पुष्टी नहीं करते.