Electric Vehicles Use in Gov Offices: रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदूषण से निजात के लिए पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने नया फरमान जारी किया है. इस फरमान के मुताबिक, अब राज्य के सभी सरकारी दफ्तरों में केवल इलेक्ट्रिक गाड़ियों का ही प्रयोग किया जाएगा. रिपोर्ट के मुताबिक, सरकारी दफ्तर जिन गाड़ियों को रेंट पर लेंगे वे भी इलेक्ट्रिक होंगी. इसे लेकर राज्य सरकार नोटिफिकेशन भी रिलीज कर दिया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य सरकार की ओर से उठाए गए कदम के लिए खर्च होने वाली रकम का भी अनुमान लगाया गया है. यह रकम सरकारी कोष से खर्च की जाएगी. यदि कोई सरकारी ऑफिस किराये पर कोई इलेक्ट्रिक कार लेता है तो पहले 100 किमी पर राज्य सरकार की ओर से एजेंसी को महीने में लगभग 46,000 रुपये का भुगतान करेगी. वहीं यदि इलेक्ट्रिक कार इससे ज्यादा चलती है तो ऐसे में 8 रुपये प्रति किमी के हिसाब से राज्य सरकार की ओर से भुगतान किया जाएगा.
राज्य सरकार की ओर से जारी किए गए नोटिफिकेशन के मुताबिक, किसी तरह की इमरजेंसी की स्थिति में ही पेट्रोल या डीजल से चलने वाली गाड़ियों का इस्तेमाल किया जा सकेगा. इसके लिए संबंधित विभाग को वित्त विभाग से मंजूरी लेनी होगी. वित्त विभाग के अधिकारी ने कहा कि इस बदलाव के कारण खर्च में बढ़ोत्तरी होना स्वाभाविक है, लेकिन बढ़ रहे प्रदूषण को देखते हुए इस तरह का फैसला लेना जरूरी हो गया था.
रिपोर्ट के अनुसार, राज्य सरकार के इस फैसले को पर्यावरण प्रेमियों ने खासा सराहा है. इस फैसले पर लोगों ने सरकार की तारीफ की है. सरकार के इस फैसले का प्राइवेट ट्रांसपोर्ट मालिकों की ओर से स्वागत किया गया है, लेकिन वे इंफ्रास्ट्रक्चर के अभाव होने के कारण सरकार के इस फैसले की सफलता को लेकर चिंतित हैं.
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