Afghani Currency: आतंकी संगठन तालिबान के राज वाले अफगानिस्तान की करेंसी 'अफगानी' ने सितंबर तिमाही में दुनिया में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया है. अफगानी करेंसी में इन तीन महीनों में 9 और एक साल में 14 प्रतिशत का उछाल देखने को मिला है.
अभी डॉलर के मुकाबले अफगानी करेंसी की वैल्यू 78.25 है. सितंबर तिमाही में 3 प्रतिशत की मजबूती के साथ दूसरी सबसे मजबूत करेंसी कोलंबिया की पोसो रही.
सालाना आधार पर बेहतर प्रदर्शन के मामले में अफगानी करेंसी तीसरे स्थान पर रही, जबकि पहले नंबर पर पेसो और दूसरे नंबर पर श्रीलंकाई रुपया रहा.
वहीं एक्सपर्ट्स अफगानी करेंसी में मजबूती को छोटी अवधि के लिए देख रहे हैं. जियो पॉलिटिकल एक्सपर्ट कामरान बुखारी ने कहा कि आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक अस्थिरता के कारण अफगानी करेंसी में मजबूती देखी जा रही है लेकिन यह तेजी बहुत छोटे समय के लिए है. बता दें कि अमेरिकी सेना के अफगानिस्तान से जाने के बाद 15 अगस्त 2021 को तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था और अब वहां तालिबान की ही सरकार है.
जैसा की हमने बताया तालिबान ने 15 अगस्त 2021 को अफगानिस्तान पर कब्जा किया था. इससे पहले 13 अगस्त 2021 को अफगानी करेंसी 78.98, 14 जनवरी 20222 को 105.10 (सबसे कमजोर), 1 सिंबर 2023 को 73.71 (सबसे मजबूत) और अभी 27 सितंबर 2023 को 78.51 है.
आखिर क्यों मजबूत हो रही अफगानी- तालिबान ने इसके लिए 5 महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं…
. स्थानीय लेनदेन में डॉलर और पाकिस्तानी रुपए के इस्तेमाल पर बैन
. अमेरिकी डॉलर के देश से बाहर जाने पर प्रतिबंध को और कड़ा किया.
. ऑनलाइन ट्रेडिंग पर प्रतिबंध, उल्लंघन करने पर कड़ी सजा का प्रावधान
. मानवीय सहायता के लिए मिले अरबों डॉलर से इकोनॉमी को मिल रही मजबूती
. पड़ोसियों के साथ व्यापार को बढ़ावा.
करेंसी में मजबूती से महंगाई का दबाव कम हुआ है और अफगानिस्तान के लिए इंपोर्ट सस्ता हो गया है.
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