WhatsApp Trading Scam: बेंगलुरु के एक बिजनेस मैन के साथ स्कैम हो गया. 50 वर्षीय बिजनेस मैन को वाट्सऐप के जरिए ट्रेडिंग स्कैम में फंसाकर उससे 6.6 करोड़ रुपए लूट लिए. व्हाट्सएप के जरिए ठगों ने उन्हें हाई रिटर्न का झांसा देकर इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया. यह घटना 8 सितंबर से 23 अक्टूबर के बीच हुई, और इसे बेंगलुरु में अब तक की सबसे बड़ी ऑनलाइन निवेश धोखाधड़ी के रूप में देखा जा रहा है.
मोहित को पहली बार 8 सितंबर को एक अनजान व्हाट्सएप नंबर से मैसेज मिला, जिसमें ऑनलाइन ट्रेडिंग में भारी मुनाफा कमाने की बात की गई थी. उन्हें एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया, जहां कई लोग स्टॉक मार्केट में निवेश से प्राप्त कथित लाभ के बारे में बातें कर रहे थे. इन फर्जी सदस्यों ने अपनी कमाई के झूठे स्क्रीनशॉट भी शेयर किए और ऐप "ECAUSE-WAY" के माध्यम से निवेश करने का सुझाव दिया.
ग्रुप में होती लगातार चर्चा और आकर्षक लाभ के स्क्रीनशॉट देख कर, मोहित का भरोसा जमता गया. स्कैमर्स ने ग्रुप में ऑनलाइन ट्रेडिंग से संबंधित क्लासेस का लिंक भी शेयर की. मोहित ने इन क्लासेस को जॉइन किया और समझने के बाद धीरे-धीरे निवेश करना शुरू किया.
छोटी रकम के निवेश पर दिया रिटर्न
शुरुआत में, मोहित ने छोटी रकम निवेश की तो स्कैमर्स ने तुरंत उनके बैंक खाते में रिटर्न भी जमा कर दिए, जिससे उनका विश्वास और मजबूत हो गया. जल्दी ही, उन्हें बड़े निवेश के बारे में पूछने की सलाह दी गई और अगले दिन (9 सितंबर) एक नए व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ दिया गया. ठगों ने कई अलग-अलग नंबरों से मैसेज कर बड़े निवेश के लिए प्रेरित किया.
मोहित ने कुल 6.6 करोड़ रुपये कई बार अपने बैंक खाते से करीब 14 अलग-अलग खातों में ट्रांसफर कर दिए, क्योंकि उन्हें लग रहा था कि उन्हें हाई रिटर्न मिलेगा. लेकिन जैसे ही मोहित ने अपना पैसा वापस निकालने की कोशिश की वह ऐसा कर नहीं सके. क्योंकि स्कैमर्स ने पैसा उड़ा दिया था.
जब मोहित ने पैसे निकालने की कोशिश की और वो संभव नहीं हुआ, तो ठगों ने नए बहानों से और पैसा मांगना शुरू कर दिया, जैसे टैक्स और प्रोसेसिंग फीस. तब जाकर मोहित को शक हुआ और उन्हें एहसास हुआ कि वे ठगे जा चुके हैं. इसके बाद उन्होंने साइबर हेल्पलाइन से संपर्क किया और 24 अक्टूबर को पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई.
पुलिस ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की धारा 316 (विश्वासघात) और धारा 318 (धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस के अनुसार, वे ठगों के खातों को फ्रीज करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अधिकतर धनराशि अन्य "मूल खातों" में ट्रांसफर की जा चुकी है.