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India Daily

किस देश में 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया हुआ बैन! कानून तोड़ने पर जानें किसे मिलेगी सजा?

सोशल मीडिया ने पहले जहां लोगों को जोड़ने का काम किया था अब उसका भयावह असर देखने को मिल रहा है. लगातार इससे जुड़े अपराध बढ़ते जा रहे हैं. धमकी देना, नकली प्रोफाइल बनाना आदि जैसे ना जानें कितने खतरनाक अपराध हर दिन जन्म ले रहे हैं. ये कहना गलत नहीं होगा कि यह अगर किसी के लिए कमाई का जरिया है तो अपराधियों के लिए मजबूत और धारदार हथियार भी है. खासकर बच्चों के लिए. यहीं कारण है कि बच्चों को लेकर अब एक सख्त कदम ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने उठाया है.

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Edited By: Reepu Kumari
Social Media Ban for Children
Courtesy: Pinteres

Social Media Ban for Children: ऑस्ट्रेलिया में हाल ही में एक बड़ी चर्चा का विषय बना है, जब सरकार ने 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया पर रोक लगाने का निर्णय लिया. यह फैसला कई कारणों से लिया गया है, जो बच्चों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य से जुड़े हुए हैं. बच्चों को ऑनलाइन सुरक्षित रखने के लिए ऑस्ट्रेलियाई सरकार बड़ा कदम उठाया गया है. ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने सोशल मीडिया के इस्तेमाल के लिए न्यूनतम आयु 16 वर्ष निर्धारित करने के लिए एक कानून को पेश किया है. गुरुवार को घोषित इस कानून को प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने विश्व-अग्रणी बताया है. यह कानून सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को आयु प्रतिबंध लागू करने के लिए उत्तरदायी बनाएगा.

वो आगे कहते हैं कि 'सोशल मीडिया हमारे बच्चों को नुकसान पहुंचा रहा है, और मैं इसे बंद करने की मांग कर रहा हूं. अल्बानीज ने कहा, जो बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा के बारे में चिंतित कई माता-पिता, दादा-दादी और देखभाल करने वालों की भावना को दर्शाता है.

इंस्टाग्राम और फेसबुक पर चलेगा हथकंडा

यह विधेयक 18 नवंबर से शुरू होने वाले इस वर्ष के सत्र के अंतिम दो सप्ताहों के दौरान संसद में पेश किया जाएगा. यह पारित होने के एक वर्ष बाद प्रभावी होगा, जिससे एक्स, टिकटॉक, इंस्टाग्राम और फेसबुक जैसे प्लेटफार्मों को इसका अनुपालन करने का समय मिल जाएगा.

प्लेटफॉर्म के लिए सख्त कदम, अभिभावकों के लिए नहीं 

प्रस्तावित कानून के तहत, अगर सोशल मीडिया कंपनियाँ 16 साल से कम उम्र के बच्चों को अपने प्लेटफॉर्म तक पहुंचने की अनुमति देती हैं, तो उन्हें दंड का सामना करना पड़ेगा. लेकिन बच्चों या उनके माता-पिता के लिए कोई सजा का प्रावधान नहीं है. प्रधान मंत्री अल्बानीज़ ने इस बात पर ज़ोर दिया कि प्रवर्तन की ज़िम्मेदारी प्लेटफॉर्म की है, परिवारों की नहीं.

बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर असर

सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर बच्चों और किशोरों के लगातार सक्रिय रहने से मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ सकता है. कई अध्ययनों ने यह साबित किया है कि सोशल मीडिया के अत्यधिक उपयोग से बच्चों में चिंता, अवसाद, आत्मसम्मान की कमी और अकेलेपन जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. सोशल मीडिया पर तुलना और नकारात्मक टिप्पणियों के कारण बच्चों का आत्मविश्वास प्रभावित हो सकता है.

साइबर बुलिंग और ऑनलाइन सुरक्षा

सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर साइबर बुलिंग की घटनाएं आम हो चुकी हैं. बच्चों को किसी अनजान व्यक्ति द्वारा प्रताड़ित किया जा सकता है, और इस प्रकार की घटनाएं मानसिक रूप से बहुत हानिकारक हो सकती हैं. इसके अलावा, सोशल मीडिया पर बच्चों की निजी जानकारी भी आसानी से लीक हो सकती है, जिससे उनकी ऑनलाइन सुरक्षा जोखिम में पड़ सकती है.

डेटा प्राइवेसी और एक्सप्लॉइटेशन

बच्चों की डेटा प्राइवेसी भी एक बड़ी चिंता का विषय है. सोशल मीडिया कंपनियां बच्चों के डेटा का इस्तेमाल विज्ञापन और अन्य उद्देश्यों के लिए कर सकती हैं, जो बच्चों के लिए जोखिमपूर्ण हो सकता है. इसके अलावा, सोशल मीडिया पर बच्चों के लिए अनुकूल कंटेंट की कमी और पोर्नोग्राफी या हिंसक सामग्री तक पहुंच भी एक चिंता का कारण बनती है.

विशेषज्ञों की राय

मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि सोशल मीडिया का अत्यधिक इस्तेमाल बच्चों में शारीरिक और मानसिक समस्याओं का कारण बन सकता है. इसके बजाय, बच्चों को बाहरी गतिविधियों में हिस्सा लेने, दोस्तों से व्यक्तिगत रूप से मिलने और खेलों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए.

क्या होगा अगला कदम?

ऑस्ट्रेलिया सरकार ने यह कदम बच्चों की सुरक्षा और उनके मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने के लिए उठाया है. हालांकि, यह निर्णय विवादास्पद हो सकता है, क्योंकि सोशल मीडिया के माध्यम से बच्चों को शिक्षा, जानकारी और नए विचारों का स्रोत भी मिल सकता है. लेकिन, इसके साथ ही, इसका सही और सुरक्षित उपयोग सुनिश्चित करने के लिए कड़े नियमों की आवश्यकता है.