Anupam Mittal Slams Google-Apple: शार्क टैंक जज अनुपम मित्तल ने गूगल और एप्पल पर निशाना साधा है. अनुपम मित्तल ने एप्पल और गूगल की ऐप स्टोर पॉलिसीज की तुलना ईस्ट इंडिया कंपनी से कर दी है. इन्होंने कहा है कि पूरे इकोसिस्टम को गूगल और एप्पल ही कंट्रोल करते हैं और कंपनियों के पास इनकी बात मानने के अलावा कोई विकल्प नहीं रह जाता है. जिस तरह से पुरानी ईस्ट इंडिया कंपनी लोगों से मनमाने ढंग से टैक्स वसूलती थी. ठीक उसी तरह से गूगल और एप्पल भी मनमाना टैक्स वसूल रहे हैं. ऐसे में गूगल और एप्पल नई ईस्ट इंडिया कंपनी हैं.
अनुपम मित्तल ने बिजनेस इन्साइडर से बात करते हुए गूगल और एप्पल को खूब खरी-खोटी सुनाई है. इनका कहना है कि इन दोनों कंपनियों की मोनोपोली है. इनके बनाए गए नियम इनके साथ काम करने वाली हर कंपनी को मानने पड़ते है क्योंकि उनके पास कोई दूसरा रास्ता नहीं बचता है. बता दें कि अभी तक अगर कोई यूजर ऐप स्टोर से खरीदारी करता है तो उसके लिए कंपनी को 15-30 फीसद टैक्स या कमीशन लिया जाता था. लेकिन अब यह सीधा 50 फीसद किए जाने पर बात चल रही है.
टैक्स बढ़ाने से क्या होगा: अगर टैक्स को 50 फीसद किया जाता है तो इसका सीधा मतलब यह है कि स्टार्टअप कंपनी का करीब 50 फीसद रेवन्यू गूगल और एप्पल को चाहिए. यह एकदम ईस्ट इंडिया कंपनी की तरह है. जिस तरह वो एरोगेंस के साथ काम करती और करवाती थी, वहीं एप्पल और गूगल भी कर रहे हैं.
मित्तल ने आगे कहा कि ये कंपनियां हमारी इकोनॉमी के गेटकीपर बनने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में सरकार को इन कंपनियों को रोकना चाहिए. साथ ही इन पर पैनल्टी भी लगानी चाहिए. इन्होंने गूगल और एप्पल को बुली यानी परेशान करने वाला बताया है.
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