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SBI की तरफ से आया है ये मैसेज…! भूलकर भी न करें यकीन

SBI Reward Fake Message: अगर एसबीआई रिवॉर्ड को लेकर आपके पास कोई कॉल या मैसेज आया है तो सावधान हो जाएं. इस तरह के मैसेज सिर्फ आपकी जानकारी और बैंक अकाउंट की डिटेल्स चुराने के लिए ही डिजाइन किए जाते हैं.

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Edited By: India Daily Live
SBI Reward Fake Message
Courtesy: Freepik

SBI Reward Fake Message: ऑनलाइन स्कैम आए दिन होते ही रहते हैं और स्कैमर्स कोई ऐसा दिन नहीं छोड़ते जब स्कैम न करें. इसे एक जॉब की तरह ही किया जाता है. प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के ग्राहकों को निशाना बनाने वाले एक नए स्कैम के बारे में बताया है. इस सरकारी एजेंसी के अनुसार, स्कैमर झूठे SBI रिवार्ड्स का दावा कर रहे हैं. इस दावे को लेकर एक मैसेज भेजा जा रहा है जिनमें यूजर्स को एक ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा जाता है. 

PIB ने अपने सोशल मीडिया चैनल पर एक ऐसे मैसेज का स्क्रीनशॉट शेयर किया है और लोगों को सावधानी बरतने के लिए कहा है. साथ ही किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करने और अननोन फाइल्स डाउनलोड न करने की सलाह दी है.

PIB ने बताया सच:

PIB ने यह क्लियर किया है कि SBI किसी भी तरह के लिंक या APK फाइल (एंड्रॉइड एप्लिकेशन फाइल) को SMS या व्हाट्सएप के जरिए रिवॉर्ड्स क्लेम करने के लिए नहीं भेजता. इसलिए, ऐसे फर्जी मैसेजों से दूर रहने की सलाह दी गई है क्योंकि ये फिशिंग स्कैम हो सकते हैं जो लोगों की निजी जानकारी को चुराने के इरादे से किए जाते हैं. 

SBI रिवॉर्ड स्कैम क्या है? 

PIB ने जो स्क्रीनशॉट शेयर किया है उसके अनुसार, यह स्कैम एक व्हाट्सएप मैसेज के जरिए किया जाता है. इसमें कहा जाता है कि ग्राहक के SBI नेट बैंकिंग रिवॉर्ड प्वाइंट्स जमा हैं, जिनकी कीमत 18,000 रुपये तक हो सकती है. मैसेज में चेतावनी दी जाती है कि ये प्वाइंट्स जल्दी ही खत्म हो जाएंगे, जिससे यूजर्स को तुरंत एक्शन लेने के लिए कहा जाता है. यह मैसेज यूजर्स को SBI Reward नाम की एक ऐप डाउनलोड करने का निर्देश देता है जिससे वो इन प्वाइंट्स को रिडीम कर सके. साथ ही यह दावा किया जाता है कि यह पैसे सीधे उनके बैंक अकाउंट में जमा हो जाएंगे. 

हालांकि, यह मैसेज पूरी तरह से फर्जी है. अगर कोई यूजर्स यह ऐप डाउनलोड कर लेता है तो उसके फोन में वायरस आ सकता है और निजी समेत वित्तीय जानकारी चोरी हो सकती है. साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसे APK फाइलें फोन में मालवेयर इंस्टॉल कर सकती हैं, जिससे स्कैमर्स को डिवाइस का रिमोट एक्सेस मिल सकता है और वे डाटा चुरा सकते हैं.

सरकार द्वारा जारी यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब साइबर धोखाधड़ी के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. साइबर क्रिमिनल्स लोगों को धोखा देने के नए तरीके ढूंढते रहते हैं और अक्सर फर्जी वेबसाइट या ऐप बनाते हैं जो असली प्लेटफॉर्म की तरह दिखते हैं.