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'रातों-रात किसी के घर पर नहीं चला सकते बुलडोजर', योगी सरकार को 'सुप्रीम' फटकार, 25 लाख मुआवजा देने का आदेश

SC on UP Yogi Government on bulldozer demolition: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को उत्तर प्रदेश सरकार को सड़क चौड़ीकरण के उद्देश्य से घरों को अवैध रूप से ध्वस्त करने के लिए फटकार लगाई. एक याचिका पर सुनवाई करते हुए एससी ने योगी सरकार को याचिकाकर्ता को 25 लाख रुपये देने का आदेश दिया.

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Edited By: India Daily Live
SC on UP Yogi Government on bulldozer demolition
Courtesy: Social Media

SC on UP Yogi Government on bulldozer demolition: बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को बिना कानूनी प्रक्रिया के घरों को गिराने के मामले में कड़ी फटकार लगाई. एक याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि उसके घर को सड़क चौड़ीकरण के नाम पर ध्वस्त किया गया था, और यह कार्रवाई सरकार के खिलाफ रिपोर्ट प्रकाशित करने के बदले में की गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने योगी सरकार को 25 लाख रुपये का मुआवजा देने का निर्देश भी दिया है. कोर्ट ने योगी सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि आप सिर्फ ढोल बजाकर किसी का घर नहीं गिरा सकते हैं. 

सुप्रीम कोर्ट की बेंच, जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जेबी पारदीवाला तथा मनोज मिश्रा शामिल थे, ने यूपी सरकार के इस कदम को "मनमाना" करार दिया. अदालत ने कहा कि किसी के घर को रातों-रात बुलडोजर चलाकर नहीं गिराया जा सकता. न्यायाधीशों ने कहा, "आप बिना नोटिस दिए बुलडोजर लेकर नहीं आ सकते और किसी का घर गिरा सकते हैं. परिवार को घर खाली करने का समय दिया जाना चाहिए. उनके घरेलू सामान का क्या होगा? कानूनी प्रक्रिया का पालन होना चाहिए."

सुप्रीम कोर्ट का योगी सरकार से तीखे सवाल

अदालत ने पाया कि राज्य सरकार ने न केवल विधिक प्रक्रिया का पालन नहीं किया बल्कि यह भी स्पष्ट नहीं किया कि कथित अतिक्रमण की सीमा कितनी थी, मौजूदा सड़क की चौड़ाई क्या थी और कितना हिस्सा अधिग्रहण की गई जमीन में आता था. इसके अलावा, कोर्ट ने सवाल उठाया कि अतिक्रमण से बाहर के हिस्से को क्यों गिराया गया.

25 लाख मुआवजे का आदेश 

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को याचिकाकर्ता को 25 लाख रुपये मुआवजा देने का भी निर्देश दिया, जिसका घर अवैध रूप से तोड़ा गया था. साथ ही, अदालत ने मुख्य सचिव को अवैध विध्वंस में शामिल अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक जांच शुरू करने के आदेश दिए हैं. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि ये निर्देश एक महीने के भीतर पूरे किए जाने चाहिए.

SC बोला करना होगा उचित प्रक्रिया का पालन

SC ने यूपी सरकार के इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि केवल लाउडस्पीकर या ढोल बजाकर लोगों को घर खाली करने की सूचना देना पर्याप्त नहीं है. न्यायमूर्ति पारदीवाला ने कहा, "लोगों को उचित नोटिस देना आवश्यक है."

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार को भविष्य में ऐसी कार्रवाइयों के लिए स्पष्ट प्रक्रिया का पालन करना होगा. बेंच ने निर्देश दिया कि राज्य सरकार को इस तरह के अतिक्रमण हटाने के मामले में सबसे पहले भूमि अधिग्रहण का प्रमाण प्रस्तुत करना होगा और प्रभावित व्यक्तियों को उचित समय देकर सूचना देनी होगी.