Akhilesh Yadav On Yogi Government: समाजवादी पार्टी के सुप्रीमों अखिलेश यादव इन दिनों उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग में एग्जाम को चल रहे विवाद पर लगातार योगी सरकार पर हमलावर हैं. इस बीच कन्नौज से सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाओं के अभ्यर्थियों, छात्रों, और युवाओं के बीच एक ही बात गूंज रही है, ‘नौकरी भाजपा के एजेंडे में है ही नहीं’. इस आक्रोश ने राज्य में एक नई राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है, जो अब भाजपा सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन चुकी है.
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया में एक पोस्ट शेयर की, जिसमें उन्होंने लिखा कि राज्य में छात्र समुदाय भाजपा की नीति से बेहद नाराज है. उनका कहना है कि भाजपा सरकार ने रोजगार देने के बजाय लोगों को रोज़ी-रोटी के संघर्ष में उलझाए रखा है, ताकि भाजपा की साम्प्रदायिक राजनीति का रास्ता साफ हो सके. छात्रों का आरोप है कि कई सालों तक नौकरी की वैकेंसी नहीं निकाली गई या फिर परीक्षा की प्रक्रिया ही पूरी नहीं की गई. भाजपा ने छात्रों को पढ़ाई के बजाय सड़कों पर आकर आंदोलन करने के लिए मजबूर कर दिया है.
‘योगी बनाम प्रतियोगी’ छात्र हुआ माहौल!
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) November 12, 2024
आज उप्र के प्रतियोगी परीक्षाओं के हर अभ्यर्थी, हर छात्र, हर युवक-युवती की ज़ुबान पर जो बात है वो है:
‘नौकरी भाजपा के एजेंडे में है ही नहीं’!
उन्होंने चलवाया लाठी-डंडा
‘नौकरी’ नहीं जिनका एजेंडा!
नहीं चाहिए अनुपयोगी सरकार!!
भाजपा सरकार… pic.twitter.com/pCKcDHFbti
छात्रों का आक्रोश और BJP की नकारात्मक राजनीति
ऐसे में अब यह आक्रोशित छात्र और उनके हताश परिवार भाजपा के लिए बड़ी चुनौती बन चुके हैं. मध्यवर्गीय परिवार, जो पहले भाजपा की राजनीति का हिस्सा थे, अब भाजपा के बहकावे में नहीं आ रहे हैं. सोशल मीडिया पर फैलाए गए झूठे प्रचार का अब असर खत्म हो चुका है. वहीं, अभिभावकों ने अब समझ लिया है कि भाजपा ने अपनी सत्ता को बनाए रखने के लिए उनकी भावनाओं का शोषण किया. अब वे ‘सकारात्मक राजनीति’ को अपनाकर भाजपा की नकारात्मक राजनीति को नकार रहे हैं.
BJP की राजनीति पर युवाओं का बड़ा सवाल
सपा सुप्रीमों ने कहा कि अब छात्रों और उनके परिवारों का कहना है कि जब भाजपा सरकार का पतन होगा, तभी नौकरी की उम्मीद जागेगी. युवाओं का यह कहना है कि भाजपा के नकारात्मक रवैये के कारण ही आज छात्र आक्रोशित हैं. क्या भाजपा सरकार अब छात्रों के हॉस्टल पर बुलडोज़र चलाएगी, जैसे वह नाइंसाफी के मामले में कदम उठा रही है? भाजपा के झूठे प्रचार का असर अब पूरी तरह खत्म हो चुका है और छात्र अपना हक मांगने के लिए सड़कों पर उतर आए हैं.
BJP का पतन और छात्रों का उत्थान
अब छात्रों का आक्रोश भाजपा सरकार के लिए एक गंभीर संकट बन चुका है। वे पूछ रहे हैं, **‘क्या भाजपा सिर्फ समाज को बांटने के लिए बाहर आती है? छात्रों का मानना है कि जब तक भाजपा सत्ता में है, तब तक नौकरी और विकास का सपना अधूरा रहेगा. ऐसे में भाजपा और नौकरी में विरोधाभासी संबंध हैं, और यही कारण है कि ‘जब भाजपा जाएगी, तभी नौकरी आएगी.