समाजवादी पार्टी (सपा) ने पार्टी विरोधी गतिविधियों का हवाला देते हुए पार्टी के तीन विधायकों को सस्पेंड कर दिया है. निष्कासित विधायकों में गोसाईगंज से अभय सिंह, गौरीगंज से राकेश प्रताप सिंह और ऊंचाहार से मनोज कुमार पांडेय शामिल हैं. पार्टी ने इन विधायकों पर सांप्रदायिक और विभाजनकारी राजनीति को बढ़ावा देने के साथ-साथ किसान विरोधी, महिला विरोधी, युवा विरोधी और व्यापार विरोधी नीतियों का समर्थन करने का आरोप लगाया है.
पार्टी से निष्कासित तीन विधायक कौन हैं?
सपा ने तीन विधायकों को पार्टी से क्यों निकाला?
समाजवादी पार्टी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि विधायकों को उनकी सांप्रदायिक विभाजनकारी नकारात्मकता और किसान विरोधी, महिला विरोधी, युवा विरोधी, व्यापार विरोधी, कामकाजी पेशेवर विरोधी और 'पीडीए विरोधी' विचारधारा को समर्थन देने के कारण निष्कासित किया गया है.
समाजवादी सौहार्दपूर्ण सकारात्मक विचारधारा की राजनीति के विपरीत साम्प्रदायिक विभाजनकारी नकारात्मकता व किसान, महिला, युवा, कारोबारी, नौकरीपेशा और ‘पीडीए विरोधी’ विचारधारा का साथ देने के कारण, समाजवादी पार्टी जनहित में निम्नांकित विधायकों को पार्टी से निष्कासित करती है:
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) June 23, 2025
1. मा.…
पार्टी ने कहा कि जनता के हित में, समाजवादी पार्टी ने सांप्रदायिक, विभाजनकारी और नकारात्मक विचारधाराओं का समर्थन करने के लिए, जो समाजवादी सद्भाव और सकारात्मक राजनीति की भावना के खिलाफ हैं, और किसान विरोधी, महिला विरोधी, युवा विरोधी, व्यापार विरोधी, मजदूर वर्ग विरोधी और पीडीए विरोधी विचारधारा (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) के विचारों का पक्ष लेने के लिए निम्नलिखित विधायकों को पार्टी से निष्कासित कर दिया है: विधायक अभय सिंह, राकेश प्रताप सिंह और मनोज कुमार पांडे.
'उन्हें सुधरने का मौका दिया गया...'
समाजवादी पार्टी ने साफ कहा है कि वह अपनी मूल विचारधारा और सिद्धांतों के खिलाफ किसी भी तरह की कार्रवाई बर्दाश्त नहीं करेगी. पार्टी ने जोर देकर कहा कि पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल पाए जाने वाले किसी भी सदस्य के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. निष्कासित विधायकों को सुधरने का भरपूर मौका दिया गया, लेकिन वे ऐसा करने में विफल रहे.
इसमें कहा गया है, "इन व्यक्तियों को हृदय परिवर्तन के लिए दी गई छूट अवधि अब समाप्त हो गई है. शेष व्यक्तियों के लिए उनके अच्छे आचरण के कारण छूट अवधि जारी है. भविष्य में भी, पार्टी में जनविरोधी तत्वों के लिए कोई जगह नहीं होगी और पार्टी की मूल विचारधारा के विपरीत गतिविधियों को हमेशा अक्षम्य माना जाएगा.
गौरतलब है कि पिछले साल हुए राज्यसभा चुनाव में इन विधायकों ने पार्टी की आधिकारिक लाइन के खिलाफ जाकर क्रॉस वोटिंग की थी. उस घटना के बाद से तीनों विधायकों ने पार्टी से जुड़ी सभी गतिविधियों से खुद को अलग कर लिया था, न तो वे सपा के किसी कार्यक्रम में शामिल हुए और न ही पार्टी कार्यालय गए. अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों का हवाला देते हुए सपा ने आज उन्हें पार्टी से निष्कासित करने का निर्णायक कदम उठाया.