उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में हथियारों का जखीरा मिला है. इन हथियारों में तलवारें, बंदूक, भाले और खंजर हैं. ये हथियार 18वीं शताब्दी के बताए जा रहे हैं. हथियारों का खजाना मिलने की जानकारी के बाद यहां भीड़ जमा हो गई. घटना की जानकारी मिलने के बाद पुरातत्व विभाग की टीम मौके पर पहुंच गई है. अब वो आगे इस बात का पता लगाएगी कि बरामद हथियार कितने साल पुराने हैं.
ये घटना शाहजहांपुर के निगोही क्षेत्र के ढकिया तिवारी गांव की है. एक खेत से हथियार मिलने की सूचना के बाद पुलिस और प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंची. जो हथियार बरामद हुए हैं उनमें जंग लगा हुआ है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि हथियार 200 साल पुराने हो सकते हैं. इसकी वजह बंदूक का मिलना है.भारत की बात करें तो बंदूकों का इस्तेमाल देश में 16वीं शताब्दी से शुरू हुआ.
किसान को जुताई में मिले हथियार
बाबू राम नाम का किसान बुधवार को दिन में अपने खेत में जोताई कर रहा था. जोताई के दौरान उसका हल किसी मजबूत चीज से टकराया और वहीं पर रुक गया. इसके बाद जब उसने हल को हटाकर देखा तो उसे तलवारें नजर आईं. इसके बाद उसने फावड़े से जब खेत में उस जगह की खुदाई की. तो जमीन के अंदर का
नजारा देखकर उसकी सांसें अटक गईं.
कौन-कौन से हथियार हुए बरामद?
बाबू राम को खेत से बीस तलवारें, दस सिंगल बैरल बंदूकों की नली समते एक दोनाली बंदूक की नली मिली. इसके अलावा उसे एक भाला और दो तमंचे जैसे हथियार भी मिले. इसकी जानकारी जब गांव वालों को हुई तो इन्हें देखने के लिए खेत में भारी भीड़ जमा हो गई. बाबू राम ने 13 साल पहले ये खेत गांव में रहने वाले
एक परिवार से खरीदा है.
इसी साल गेंहू बोना शुरू किया
बाबूराम ने प्रभारी निरीक्षक को बताया कि जब उसने ये खेत लिया था, तब यहां एक मिट्टी का ऊंचा टीला था. इसी साल उसने खेती करने के मकसद से जमीन को समतल किया. बुधवार को गेंहू बोने के लिए उसने खेत में जोताई शुरू की तब उसे ये हथियारों का जखीरा मिला. शाहजहांपुर के इस क्षेत्र की बात करें तो यहां से पहले
भी हड़प्पाकालीन अस्त्र-शस्त्र मिल चुके हैं. ऐसे में अब पुरात्तव विभाग की जांच के बाद ही साफ होगा कि ये हथियारों का जखीरा कितना पुराना है.