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'महाकुंभ में मुसलमानों को रोका तो हम हिंदुओं को...', सपा सांसद की बदला लेने की चेतावनी से मचा बवाल?

Ziaur Rahman Barq On Mahakumbh 2025: कुछ ही महीनों में प्रयागराज में तंबुओं के शहर में एक नगरी बसने वाली है. इस बार ये नगरी महाकुंभ के नाम से जानी जाएगी. इसके भव्य आयोजन को लेकर प्रयागराज में जोरों से काम चल रहा है. इन सबके बीच महाकुंभ के दौरान आयोजन स्थल पर गैर-सनातनी व्यक्तियों को दुकान लगाने की अनुमति न देने का निर्णय लिय गया है. इसी को लेकर सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने बड़ा बयान दिया है.

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Edited By: India Daily Live
Ziaur Rahman Barq On Mahakumbh 2025
Courtesy: Social Media

Ziaur Rahman Barq On Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश के संभल से समाजवादी पार्टी सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने महाकुंभ 2025 के आयोजन को लेकर बड़ा बयान दिया है. महाकुंभ की तैयारियों को लेकर प्रयागराज में प्रशासनिक स्तर पर काम तेजी से हो रहा है. इस बीच अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने निर्णय लिया कि महाकुंभ के दौरान आयोजन स्थल पर गैर-सनातनी व्यक्तियों को दुकान लगाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. इसी घोषणा का सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कड़ा विरोध किया है. उन्होंने कहा कि अगर मुसलमानों को रोका तो हम भी अपनी दरगाह पर हिंदुओं को आने से रोकेंगे.

संभल  सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने अखाड़ा परिषद के इस निर्णय पर नाराजगी जताते हुए इसे विभाजनकारी कदम करार दिया. उन्होंने कहा कि सरकार को इस तरह के आदेश देने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. बर्क का मानना है कि ऐसा फैसला समाज में असमानता और दरार पैदा करेगा. उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि वह इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करे और ऐसे तत्वों पर रोक लगाए जो समाज को बांटने का प्रयास कर रहे हैं.

'मुस्लिमों को रोकोगे तो हम हिंदुओं को...'

सांसद बर्क ने इस प्रकार की परंपरा को खतरनाक बताते हुए कहा कि यह केवल एक दिशा में नहीं चलेगी. उनका तर्क था कि अगर आज हिंदू समाज के लोग ऐसा कदम उठा रहे हैं, तो कल मुस्लिम समाज के लोग भी अपने धार्मिक आयोजनों, जैसे उर्स, दरगाहों, और मेलों में हिंदू दुकानदारों को जगह देने से इनकार कर सकते हैं. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि वे इस प्रकार के विभाजनकारी फैसलों के खिलाफ हैं क्योंकि इससे आपसी सौहार्द्र और भाईचारे को नुकसान पहुंचता है.

सरकार पर साधा निशाना 

सांसद बर्क ने कहा कि इस प्रकार के कदम संविधान की मूल भावना के खिलाफ हैं. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह ऐसे मामलों में निष्क्रियता दिखा रही है और इससे ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार इस तरह की गतिविधियों को बढ़ावा दे रही है. बर्क ने कहा कि यदि सरकार वाकई देश की एकता को लेकर चिंतित है, तो उसे ऐसे मामलों पर तत्काल सख्त कदम उठाने चाहिए. सपा सांसद बर्क ने कहा कि इस तरह का फैसला हमारी परंपराओं को विभाजित करती हैं. ऐसे फैसलों का समाज पर गहरा असर पड़ता है.