Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए राजनीतिक दलों ने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है, तो चुनाव मैदान पर उम्मीदवारों ने जनसंपर्क तेज कर दिया है. पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल को होगा. इस चुनाव में भी सैकड़ों उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो सकती है, जैसे और चुनावों में हो आया है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसे चुनाव के बारे में बता रहे हैं, जिसमें चुनाव में जमानत जब्त होने के बाद भी कांग्रेस प्रत्याशी सांसद बन गया. आज हम आपको 1967 के लोकसभा चुनाव का रोचक किस्सा सुना रहे हैं.
1967 के आम चुनाव में शाहजहांपुर संसदीय क्षेत्र का परिसीमन बदल चुका था. इस सीट को सुरक्षित से हटाकर सामान्य कर दिया गया था. इसके बाद यहां पर चुनाव मैदान में 12 उम्मीदवार उतरे इनमें स्वतंत्रता संग्राम सेनानी प्रेमकृष्ण खन्ना भी शामिल थे. उन्हें कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी बनाया था जबकि भारतीय जनसंघ से एन सिंह और निर्दलीय एमएस खान चुनावी मैदान में ताल ठोंक रहे थे.
कांग्रेस की ओर से कष्णम, भारतीय जनसंघ से एन सिंह और निर्दलीय एमएस खान मैदान में थे. मतदान वाले दिन मतों का खूब विभाजन देखने को मिला था, वहीं बड़ी संख्या में मत निरस्त भी हुए थे. उस चुनाव में करीब 5.15 लाख मतदाता थे, इनमें से 2.72 लाख ने मताधिकार का इस्तेमाल किया था.
आम चुनाव का परिणाम जब आया तो सब हैरान रह गए. इस चुनाव में प्रेमकृष्ण खन्ना की जीत हुई. उन्हें सिर्फ 40,031 वोट मिले. वह सांसद तो चुन लिए गए, मगर उनकी जमानत भी जब्त हो गई. कुल मतदान के सापेक्ष छठवें हिस्से से भी कम मत मिलने के कारण उनकी जमानत जब्त हो गई थी. इस चुनाव का एक दिलचस्प आंकड़ा यह भी था कि सभी 12 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई थी.
इस सीट पर रिकॉर्ड 17,655 मत निरस्त हुए थे. मंडल के बरेली संसदीय क्षेत्र में सबसे अधिक 60.94 प्रतिशत मतदान हुआ था. वहां 2.69 लाख मतदाताओं में मताधिकार का उपयोग किया. आंवला क्षेत्र में 54.96 प्रतिशत, पीलीभीत में 53.45 प्रतिशत और बदायूं में 60.70 प्रतिशत वोट पड़े थे. 40,031 वोट मिले थे प्रेमकृष्ण खन्ना को 12 प्रत्याशी उतरे थे.