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UP: इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम ने शिवलिंग पर चढ़ाया था जल, अब पंडितों ने गंगाजल से मंदिर का किया शुद्धिकरण

UP Naseem Solanki Kanpur: नसीम सोलंकी का शिव मंदिर में जल चढ़ाना न केवल राजनीतिक, बल्कि धार्मिक दृष्टिकोण से भी चर्चा का विषय बन गया है. उनके मंदिर में प्रवेश और जलाभिषेक ने सामाजिक और धार्मिक बहस को जन्म दे दिया है. पुजारियों ने 1000 लीटर गंगाजल से मंदिर का शुद्धिकरण करवाया है.

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Edited By: India Daily Live
UP Naseem Solanki Kanpur
Courtesy: Social Media

UP Naseem Solanki: कानपुर में पूर्व विधायक इरफान सोलंकी की पत्नी और समाजवादी पार्टी की प्रत्याशी नसीम सोलंकी का दिवाली पर शिव मंदिर में जल चढ़ाने को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. दिवाली के मौके पर नसीम सोलंकी ने वनखंडेश्वर मंदिर में शिवलिंग का जलाभिषेक किया और दीप जलाए. अब मंदिर के पुजारियों ने इसे धार्मिक परंपरा का उल्लंघन मानते हुए मंदिर का गंगाजल से शुद्धिकरण किया.

मंदिर के मुख्य पुजारी रामनरेश मिश्र ने बताया कि नसीम सोलंकी के बिना सूचना मंदिर में आने और शिवलिंग पर जल चढ़ाने के कारण भक्तों में रोष फैल गया.

1000 लीटर गंगाजल से धुलवाया मंदिर

 पुजारियों ने मंदिर की शुद्धि के लिए हरिद्वार से 1000 लीटर गंगाजल मंगवाया और पूरे मंदिर परिसर का शुद्धिकरण किया. मुख्य पुजारी के अनुसार, यदि नसीम सोलंकी अपनी उपस्थिति के बारे में पहले सूचित कर देतीं, तो उन्हें धार्मिक प्रोटोकॉल का पालन करवाया जा सकता था.

नसीम सोलंकी बोलीं कि मैं तकलीफ में हूं

वहीं, पुजारियों द्वारा मंदिर के शुद्धिकरण को लेकर इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम ने कहा- "मैं बहुत तकलीफ में हूं. मेरा मंदिर जाना राजनीति से नहीं जुड़ा है."

उनका कहना है कि इसमें कोई राजनीतिक मंशा नहीं है, और वे सभी समुदायों का सम्मान करती हैं. उन्होंने यह भी कहा कि वे धर्म के प्रति आदर रखती हैं और उनका मकसद किसी धर्म की भावना को ठेस पहुंचाना नहीं था.

मुस्लिम जमात ने फतवा जारी किया  

इस घटना के बाद ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने नसीम सोलंकी के खिलाफ फतवा जारी किया. मौलाना ने इसे शरीयत का उल्लंघन मानते हुए कहा कि नसीम को तौबा करनी चाहिए और दोबारा कलमा पढ़ना चाहिए.

चुनावी समय में मंदिर जाने को लेकर सवाल

मुख्य पुजारी ने नसीम के मंदिर जाने के समय पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि यदि नसीम का मंदिर के प्रति इतना आदर और श्रद्धा था, तो वह पहले भी आ सकती थीं, लेकिन चुनाव के समय अचानक मंदिर आने की मंशा पर संदेह होता है. पुजारी ने यह भी बताया कि नसीम के परिवार के अन्य सदस्य जैसे इरफान सोलंकी और मुश्ताक सोलंकी भी मंदिर आए हैं, लेकिन गर्भगृह के अंदर नहीं गए, बल्कि बाहर ही रहे.