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Blue Drum Murder Case: शराबी और अय्याश था जितेंद्र, कई महिलाओं से था संबंध, पुलिसकर्मी की बहू को भी बनाया शिकार

पुलिस जांच में सामने आया कि सुनिता और जितेंद्र के बीच विवाहेतर संबंध थे. हंसराज, जो उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर का रहने वाला था, अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ करीब डेढ़ महीने पहले जितेंद्र के मकान में किराये पर रहने आया था. इस दौरान जितेंद्र और हंसराज की दोस्ती हुई, और दोनों अक्सर साथ में शराब पीते थे.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Blue Drum Murder Case
Courtesy: Social Media

Blue Drum Murder Case: राजस्थान के खैरथल-तिजारा जिले के किशनगढ़बास कस्बे में हंसराज कश्यप की हत्या का मामला किसी सस्पेंस थ्रिलर फिल्म से कम नहीं है. 35 वर्षीय हंसराज का शव एक नीले प्लास्टिक ड्रम में बंद मिला, जिसने न केवल स्थानीय लोगों को स्तब्ध कर दिया, बल्कि पूरे प्रदेश में सनसनी फैला दी. इस हत्याकांड ने छल, कपट और विश्वासघात की एक ऐसी कहानी उजागर की, जिसने समाज में प्रेम और रिश्तों पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं.

17 अगस्त को आदर्श कॉलोनी में एक मकान की छत पर रखे नीले ड्रम से दुर्गंध आने की शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू की. ड्रम खोलने पर हंसराज उर्फ सूरज का शव मिला, जिसके गले पर धारदार हथियार से वार के निशान थे. शव पर नमक छिड़का गया था, ताकि बदबू कम हो और सड़न तेजी से हो. पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की और इस मामले में हंसराज की पत्नी सुनिता उर्फ लक्ष्मी देवी (31) और उनके मकान मालिक के बेटे जितेंद्र शर्मा (36) को मुख्य आरोपी के रूप में गिरफ्तार किया.

प्रेम प्रसंग और हत्या की साजिश

पुलिस जांच में सामने आया कि सुनिता और जितेंद्र के बीच विवाहेतर संबंध थे. हंसराज, जो उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर का रहने वाला था, अपनी पत्नी और तीन बच्चों के साथ करीब डेढ़ महीने पहले जितेंद्र के मकान में किराये पर रहने आया था. इस दौरान जितेंद्र और हंसराज की दोस्ती हुई, और दोनों अक्सर साथ में शराब पीते थे. लेकिन जल्द ही जितेंद्र का सुनिता के साथ नजदीकी रिश्ता बन गया. पुलिस के मुताबिक, जब हंसराज को इस अफेयर का पता चला, तो सुनिता और जितेंद्र ने मिलकर उसकी हत्या की साजिश रची. 15 अगस्त की रात जन्माष्टमी के उत्सव के बीच, दोनों ने हंसराज का गला रेतकर उसकी हत्या कर दी और शव को नीले ड्रम में छिपा दिया.

जितेंद्र की यह पहली आपराधिक वारदात नहीं है. पड़ोसियों और पूर्व पुलिसकर्मी भागीरथ गौर के अनुसार, जितेंद्र की पहली पत्नी शशि शर्मा की 12 साल पहले संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हुई थी. उस समय इसे बिजली के करंट से हुई दुर्घटना बताया गया, लेकिन गौर का दावा है कि शशि के शरीर पर यातना के निशान थे. पैसे और दबाव के चलते मामले को रफा-दफा कर दिया गया.

पुलिसकर्मी की बहू को बनाया शिकार

इस खुलासे ने जितेंद्र की छवि को और भी भयावह बना दिया है. पहले अपनी आलीशान जिंदगी और लग्जरी जीवनशैली से लोगों को प्रभावित करने वाला जितेंद्र अब एक क्रूर अपराधी के रूप में सामने आया है, जिससे लोग दूरी बना रहे हैं. पूर्व पुलिसकर्मी गौर ने बताया कि आरोपी जितेंद्र अपनी लग्जरी लाइफ का छलावा किया, जिससे उसकी बहू तक उसके मोहजाल में फंस गई. पुलिसकर्मी ने बताया कि उसकी बहू अपने पति को छोड़कर जितेंद्र के साथ लिव-इन में रहना शुरू कर दी और अंत में ये रिश्ता भी बर्बादी में तब्दील हो गया.