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'हिंदू त्योहारों को निशाना बनाया जा रहा है', कर्नाटक में पटाखों पर बैन के बाद सिद्धारमैया सरकार पर भड़की भाजपा

कर्नाटक सरकार के पटाखों पर आदेश के बाद भाजपा ने 'हिंदू त्योहारों को निशाना बनाने' का आरोप लगाया है. कांग्रेस के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार ने पटाखों के उपयोग को रात 8 से 10 बजे तक सीमित कर दिया है तथा त्यौहारों के दौरान केवल हरित पटाखों के उपयोग की अनुमति दी है. कर्नाटक में पटाखों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने के रूप में रात 8 से 10 बजे तक, केवल हरित पटाखे जलाने की अनुमति है.

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Karnataka order on firecrackers
Courtesy: X Post

कर्नाटक सरकार ने शनिवार को दिवाली से पहले पटाखों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है. सरकार ने पटाखे जलाने के लिए रात 8 बजे से 10 बजे के बीच दो घंटे का समय तय किया है. विपक्षी भाजपा ने इस कदम की तीखी आलोचना की है. भाजपा ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार पर हिंदू त्योहारों को निशाना बनाने का आरोप लगाया है.

सरकारी आदेश के अनुसार, इस अवधि के दौरान केवल पर्यावरण अनुकूल हरित पटाखों की अनुमति है, जिनकी ध्वनि सीमा 125 डेसिबल से कम होनी चाहिए. भाजपा ने इस कदम की आलोचना की है तथा कांग्रेस सरकार पर गणेश चतुर्थी और दिवाली जैसे हिंदू त्योहारों पर चुनिंदा प्रतिबंध लगाने का आरोप लगाया है.

कर्नाटक सरकार के फैसलों को लेकर क्या बोले प्रह्लाद जोशी?

केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना की और कहा कि जो लोग पटाखे फोड़ना चाहते हैं, वे प्रतिबंधों की परवाह किए बिना ऐसा करेंगे. जोशी ने प्रेस को बताया कि जब डीजे संगीत बजाने, गणेश पंडालों में प्रसाद के लिए FSSAI प्रमाणपत्र प्राप्त करने या यह सुनिश्चित करने की बात आती है कि गणेश विसर्जन रात 10 बजे तक समाप्त हो जाए, तो हमेशा प्रतिबंध लगाए जाते हैं.

इस बीच, मस्जिदों में सुबह 5 बजे से ही नमाज़ शुरू हो जाती है, फिर भी इस तरह के प्रतिबंध लागू नहीं होते हैं. ये नियम केवल हिंदू त्योहारों को टारगेट करते हैं. आदेश केवल कागज़ पर लिखे शब्द हैं; जो लोग पटाखे फोड़ने के लिए दृढ़ हैं, वे ऐसा करना जारी रखेंगे.

केंद्रीय मंत्री के आरोपों पर कर्नाटक के मंत्री का पलटवार

प्रतिक्रिया के जवाब में, कर्नाटक के वन मंत्री ईश्वर खांडरे ने स्पष्ट किया कि ये नियम सर्वोच्च न्यायालय और केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुरूप हैं, जिनमें पटाखों के लिए दो घंटे का सीमित समय और हरित, कम-डेसिबल वाले पटाखों के उपयोग की बात कही गई है.

खांडरे ने प्रहलाद जोशी के रुख पर भी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन पर अपनी सरकार के नियमों और सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के बारे में जागरूकता की कमी का आरोप लगाया.

खांडरे ने कहा कि यदि उन्हें कोई चिंता है तो उन्हें सर्वोच्च न्यायालय और अपनी सरकार के निर्णयों पर सवाल उठाना चाहिए. उन्होंने कहा कि कर्नाटक सरकार की कार्रवाई पूरी तरह कानून के अनुरूप है.

कर्नाटक सरकार ने अपने फैसले में क्या कहा है?

इससे पहले सिद्धारमैया ने कहा था कि इस दिवाली राज्य में केवल पर्यावरण अनुकूल हरित पटाखों की बिक्री की अनुमति दी जानी चाहिए. बैठक के बाद सिद्धारमैया ने संवाददाताओं को बताया कि दिवाली नजदीक आ रही है. सर्वोच्च न्यायालय ने दिशा-निर्देश दिए हैं कि किस तरह के पटाखे फोड़े जाने चाहिए. केवल हरित पटाखे बेचे जाने चाहिए और उन्हें रात 8 बजे से 10 बजे तक फोड़ा जाना चाहिए.