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India Daily

ओडिशा के राज्यपाल का झारखंड इलेक्शन कनेक्शन; BJD ने रघुवर दास पर लगाया गंभीर आरोप

Jharkhand Election Odisha Connection: ओडिशा के राज्यपाल पर बीजू जनता दल ने बड़ा आरोप लगाया है. विधानसभा और लोकसभा चुनाव में हार के बाद से नवीन पटनायक की पार्टी रघुवर दास पर उनके बेटे पर लगे हमले के आरोपों को लेकर निशाना साध रही है. अब BJD ने रघुवर दास पर भाजपा के साथ चुनाव पूर्व गठबंधन तोड़ने का भी आरोप लगाया है.

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Om Pratap
Odisha Governor
Courtesy: pinterest

Jharkhand Election Odisha Connection: बीजू जनता दल (BJD) ने ओडिशा के राज्यपाल रघुवर दास पर पड़ा आरोप लगाया है. ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली बीजद ने आरोप लगाया है कि झारखंड विधानसभा चुनाव के लिए राजभवन को 'वॉर रूम' में बदल दिया गया है. बीजद ने गुरुवार को आरोप लगाया कि राज्यपाल के ऑफिस का इस्तेमाल पड़ोसी राज्य में राजनीतिक पैंतरेबाजी के लिए किया जा रहा है. दरअसल, रघुवर दास झारखंड के पहले गैर-आदिवासी मुख्यमंत्री रहे हैं, जिन्होंने 2014 से 2019 तक राज्य की बागडोर संभाली थी. उन्होंने पिछले अक्टूबर में ओडिशा के राज्यपाल के रूप में गणेशी लाल की जगह ली थी.

हालांकि राजभवन ने बीजद के आरोपों पर कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन भाजपा ने उससे राजभवन को राजनीति में घसीटने से बचने का आग्रह किया. बीजद के आरोप असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा और पूर्व उपराष्ट्रपति एवं भाजपा के सीनियर नेता एम वेंकैया नायडू की ओर से सितंबर के अंत में राजभवन के दौरे के मद्देनजर सामने आए हैं.

पूर्व उपराष्ट्रपति के कार्यालय ने स्पष्ट किया है कि सामान्य तौर पर देश के किसी भी हिस्से और हाल ही में ओडिशा के भुवनेश्वर की (नायडू की) यात्रा को कोई राजनीतिक रंग नहीं दिया जाना चाहिए. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि वेंकैया नायडू मुख्य अतिथि के तौर पर एक दीक्षांत समारोह में भाग लेने के लिए भुवनेश्वर आए थे, जो महीनों पहले तय किया गया था.

बीजेडी की राज्यसभा सांसद ने आरोपों को लेकर दिया ये तर्क

बीजद की राज्यसभा सांसद सुलता देव ने कहा कि हालांकि असम के मुख्यमंत्री सरमा ने (मीडिया के सामने) स्पष्ट किया कि उनका दौरा निजी कारणों से था, लेकिन इसके बाद हुई घटनाओं, जिसमें ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन मांझी का झारखंड में ओडिया लोगों से मिलने का दौरा शामिल है, ने साबित कर दिया कि असम के मुख्यमंत्री का दौरा राजनीतिक कारणों से था.

सुलता देव ने दावा किया कि ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि रघुवर दास चुनावी राजनीति में लौट सकते हैं और आदिवासी बहुल झारखंड में आगामी विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं. हमें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे चुनाव लड़ते हैं या नहीं, लेकिन ओडिशा राजभवन को राजनीति का अड्डा नहीं बनाया जाना चाहिए. राजभवन की पवित्रता और गरिमा को ठेस नहीं पहुंचाई जानी चाहिए.