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दिल्ली वालों का दुख खत्म नहीं होता! AQI मॉनिटर करने वाले 38 में से 26 स्टेशन में दर्ज हुआ 'गंभीर श्रेणी' प्रदूषण

दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक यानी AQI आज 311 दर्ज किया गया, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में है. बवाना और जहांगीरपुरी में प्रदूषण का स्तर सबसे ऊंचा पाया गया. जबकि तापमान सामान्य से कम दर्ज किया गया. प्रदूषण नियंत्रण के उपायों के बावजूद हालात में सुधार नहीं दिख रहा है.

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Edited By: Km Jaya
Pollution India daily
Courtesy: Pinterest

नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की वायु गुणवत्ता शुक्रवार को भी बेहद खराब स्तर पर बनी रही. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार सुबह 9 बजे तक दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 311 दर्ज किया गया, जो 'बहुत खराब' श्रेणी में आता है. पूरे शहर में प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है और हालात चिंताजनक बने हुए हैं.

दिल्ली के 38 प्रदूषण मॉनिटरिंग स्टेशनों में से 26 स्टेशनों पर 'बहुत खराब' स्तर की हवा दर्ज की गई. सबसे ज्यादा प्रदूषण बवाना में पाया गया, जहां AQI 366 तक पहुंच गया, जबकि जहांगीरपुरी में यह 348 दर्ज किया गया. विशेषज्ञों के मुताबिक, यह स्तर लंबे समय तक स्वास्थ्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.

क्या है स्थिति खराब होने की वजह?

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की श्रेणी के अनुसार, AQI 301 से 400 के बीच होने पर 'बहुत खराब' और 401 से 500 के बीच होने पर 'गंभीर' स्तर माना जाता है. पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली में प्रदूषण का मुख्य कारण इस समय पराली जलाना, वाहन उत्सर्जन और औद्योगिक धुआं है. इसके साथ ही ठंड बढ़ने के साथ हवा की गति कम होने से प्रदूषक कण नीचे जम जाते हैं, जिससे हालात और बिगड़ जाते हैं.

कितना रहा शहर का तापमान?

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने बताया कि शुक्रवार सुबह दिल्ली का न्यूनतम तापमान 12.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 1.6 डिग्री कम है. सुबह 8:30 बजे आर्द्रता का स्तर 67 प्रतिशत था. मौसम विभाग के अनुसार, दिन में अधिकतम तापमान 26 डिग्री सेल्सियस तक रहने का अनुमान है. विभाग ने चेतावनी दी है कि हल्का कोहरा दिनभर छाया रह सकता है, जिससे कई इलाकों में दृश्यता कम होगी.

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने क्या दी है चेतावनी?

दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए सरकार और एजेंसियां कई उपाय कर रही हैं. 'ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान' यानी GRAP के तहत निर्माण कार्यों पर पाबंदी, डीजल जेनरेटरों के उपयोग पर रोक और वाहनों की आवाजाही पर निगरानी जैसे कदम लागू हैं. बावजूद इसके वायु गुणवत्ता में सुधार के संकेत नहीं मिल रहे. स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने लोगों को सलाह दी है कि वे सुबह और शाम के समय बाहरी गतिविधियों से बचें और घर से निकलते समय एन-95 मास्क का प्रयोग करें.

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