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प्रशांत किशोर ने गंगा में डुबकी लगाकर भूख हड़ताल किया समाप्त, अब आगे क्या?

पिछले कुछ दिनों से प्रशांत किशोर की भूख हड़ताल राज्यभर में चर्चा का विषय बनी हुई थी. उन्होंने यह कदम बिहार सरकार और बीपीएससी की परीक्षा प्रक्रिया में सुधार की मांग को लेकर उठाया था.

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Edited By: Gyanendra Sharma
Prashant Kishor
Courtesy: Social Media

जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने अपनी 14 दिन लंबी भूख हड़ताल को समाप्त कर दिया है. यह भूख हड़ताल उन्होंने बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) परीक्षा में कथित अनियमितताओं और राज्य के छात्रों के रोजगार के मुद्दों को लेकर शुरू की थी. प्रशांत किशोर ने पटना के गंगा पथ के पास आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में गंगा नदी में डुबकी लगाकर अपनी हड़ताल समाप्त करने की घोषणा की. 

पिछले कुछ दिनों से प्रशांत किशोर की भूख हड़ताल राज्यभर में चर्चा का विषय बनी हुई थी. उन्होंने यह कदम बिहार सरकार और बीपीएससी की परीक्षा प्रक्रिया में सुधार की मांग को लेकर उठाया था. उनकी हड़ताल का मुख्य उद्देश्य उन छात्रों की आवाज उठाना था, जो बीपीएससी परीक्षा में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं का शिकार हो रहे हैं, साथ ही राज्य में रोजगार के अवसरों की कमी से परेशान हैं.

प्रशांत किशोर का कहना था कि बिहार में युवाओं को उचित अवसर नहीं मिल पा रहे हैं,और यह स्थिति राज्य के भविष्य के लिए खतरनाक है. उन्होंने बीपीएससी परीक्षा में पारदर्शिता और निष्पक्षता की मांग की थी. उनके समर्थकों और छात्रों ने भी उनकी इस भूख हड़ताल का समर्थन किया, और उन्होंने राज्य सरकार से उचित कदम उठाने की अपील की.

मेरी आवाज ने असर डाला

गंगा नदी में डुबकी लगाने के बाद प्रशांत किशोर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मेरी भूख हड़ताल का मुख्य उद्देश्य यह था कि सरकार और संबंधित एजेंसियां युवाओं की समस्याओं को गंभीरता से लें. मैं आज संतुष्ट हूं कि मेरी आवाज ने असर डाला और मुझे उम्मीद है कि आगे से ऐसी घटनाएं नहीं होंगी. इस भूख हड़ताल ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रशांत किशोर बिहार के राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर अपनी सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं और उन्हें युवाओं के मुद्दों पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है.