बिहार की राजधानी पटना से बड़ी और सनसनीखेज खबर सामने आई है. यहां ED द्वारा संजीव हंस और गुलाब यादव को गिरफ्तार कर लिया गया है. इस खबर से प्रदेश में राजनीति गर्म हो गई है. खबरों के मुताबिक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बीती रात शुक्रवार को आईएएस संजीव हंस को पटना स्थित उनके सरकारी आवास गिरफ्तार किया है. वहीं पूर्व विधायक गुलाब यादव को दिल्ली में उनके एक रिजॉर्ट से गिरफ्तार किया है. दोनों की मेडिकल जांच कराने के बाद ईडी उनसे पूछताछ कर रही है. ध्यान रहे कि ईडी की निगाहें इन दोनों पर लगातार बनी हुई थी.
दरअसल ईडी ने सितंबर महीने में IAS अधिकारी संजीव हंस के करीबियों के यहां दिल्ली, कोलकाता और मुंबई में छापेमारी की थी. इस छापेमारी में नकद, सोने-चांदी के जेवर और इनवेस्टमेंट के डॉक्यूमेंट बरामद हुए थे. इससे पहले जुलाई में भी संजीव हंस और राजद के पूर्व विधायक गुलाब यादव के ठिकानों पर छापेमारी हुई थी. संजीव हंस ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव के साथ-साथ बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी लिमिटेड के सीएमडी भी थे.
बता दें कि जांच एजेंसी ईडी ने अब तक इस केस में अन्य आरोपियों में के लोकेशन पर छापेमारी थी लेकिन अब संजीव हंस के यहां भी ईडी की टीम रेड कर रही है. केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने पिछले कुछ दिनों पहले ही मनी लॉन्ड्रिंग का एक नया मामला दर्ज किया था. जांच एजेंसी ईडी को को पिछले कुछ समय में संजीव हंस की पत्नी सहित अन्य कई रिश्तेदारों के खिलाफ भी सबूत मिले थे, जिसके बाद ईडी की टीम मामले की जांच में जुट गयी है.
खबरों की माने तो संजीव हंस ने बिहार में स्मार्ट मीटर लगाओ अभियान को लागू करने में काफी तेजी दिखाई थी. संजीव हंस ने अपनी 'कमाई' से चंडीगढ़ में 95 करोड़ का रिसॉर्ट खरीदा. बताया गया कि संजीव हंस की सख्ती की वजह से बिहार में प्रीपेड मीटर की इतनी डिमांड बढ़ाई कि मीटर वालों ने मर्सिडीज कार गिफ्ट में दे दी. चंडीगढ़, गोवा और पुणे में संजीव के पास प्रॉपर्टी की ऐसी चेन है, जिसकी जांच में ईडी भी चकरा गई है.
मधुबनी की झंझारपुर सीट से पूर्व विधायक गुलाब यादव पहले राष्ट्रीय जनता दल (RJD) में थे. हाल ही में हुए 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें आरजेडी से टिकट नहीं मिला. झंझारपुर सीट गठबंधन में शामिल विकासशीन इंसान पार्टी के हिस्से में चली गई थी. ऐसे में गुलाब यादव बीएसपी के टिकट से चुनावी मैदान में उतर गए, हालांकि यहां भी उनको हार का सामना करना पड़ा. गुलाब यादव सियासत के मजबूत खिलाड़ी माने जाते हैं.