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World Cup 2023: पैदाइशी बदतमीज हैं कंगारू! सिर्फ मार्श नहीं रिकी पोंटिंग के इस कांड पर भी मचा था बवाल

World Cup 2023: विश्व कप 2023 में विजेता बनी ऑस्ट्रेलिया के आलराउंड मिशेल मार्श की शर्मनाक हरकत ने फिर साबित कर दिया कि 'पैदाइशी बदतमीज हैं कंगारू'...

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Bhoopendra Rai
World Cup 2023: पैदाइशी बदतमीज हैं कंगारू! सिर्फ मार्श नहीं रिकी पोंटिंग के इस कांड पर भी मचा था बवाल

World Cup 2023: वर्ल्ड कप जीतना किसी सपने से कम नहीं होता...कहा भी जाता है कि अगर आपने ये ट्रॉफी जीत ली तो समझो दुनिया फतह कर ली. विश्व विजेता को पूरी दुनिया सलाम करती है...सम्मान करती है....इस बार ये कारनामा ऑस्ट्रेलिया ने कर दिखाया, लेकिन खिताब जीतने के बाद कंगारूओं को उनकी 'पैदाइशी बदतमीजी' एक बार फिर भारी पड़ गई और पूरे क्रिकेट जगत में कंगारूओं की थू-थू हो रही है...

दरअसल, .जिस ट्रॉफी को जीतने के लिए आपने जी जान लगा दी...जब वो आपके हाथ आई तो आपने उसे सिर पर सजाने की बजाय पैरों तले रख दिया. ऑस्ट्रेलिया के आलराउंडर मिचेल मार्श की एक तस्वीर सामने आई, जिसमें वह विश्व कप ट्रॉफी पर पैर रखे हुए हैं और हाथ में बियर की बोतल है. इस तस्वीर ने कंगारूओं की पैदाइशी बदतमीजी को एक बार फिर उजागर कर दिया.

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ये कोई पहला मामला नहीं

क्रिकेट को जेंटलमैन खेल कहा जाता है. इसी खेल में अपना करियर बनाने वाले मिशेल मार्श की शर्मनाक हरकत से क्रिकेट फैंस आगबबूला हो गए हैं. ये पहली बार नहीं है जब किसी कंगारू टीम के खिलाड़ी ने इस तरह की 'घटिया' हरकर की है. इतिहास में इससे पहले भी कंगारू अपने बेहुदा और बेतुके व्यवहार के लिए चर्चा में रहे. ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ने तो घमंड में चूर होकर शरद पवार से ट्रॉफी छीन ली थी.. क्या था ये पूरा माममला, आइए जरा विस्तार से जान लेते हैं…

1. जब शरद पवार से छीन ली थी ट्रॉफी

बात 2006 में खेली गई चैंपियंस ट्रॉफी की है. जब ऑस्ट्रेलिया चैंपियन बनी थी. खिताब जीतने के बाद कप्तान रिकी पोटिंग ने घमंड में चूर होकर बीसीसीआई के तत्कालीन अध्यक्ष रहे शरद पवार की बेइज्जती कर दी थी. दरअसल, शरद पवार उन्हें ट्रॉफी देने मंच पर पहुंचे थे तभी पोंटिंग ने सभी के सामने उन्हें पास बुलाया और ट्रॉफी छीन ली. इतना नहीं जीते के जश्न में चूर ऑस्ट्रेलिआई खिलाड़ियों ने उन्हें पीछे से धक्का देकर मंच से भी हटा दिया था. इस घटना का वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें पूरी ऑस्ट्रेलियाई टीम की बदतमीजी साफ-साफ दिखी थी. इस घटना से शरद पवार के समर्थक काफी नाराज थे और उन्होंने ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ियों को बदतमीज कहा था.

Sharad pavar
 

2. 2008 का 'मंकीगेट' विवाद

बात 2008 की है. जब टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया था. इस दौरे पर हरभजन सिंह और एंड्रयू साइमंड्स के बीच एक विवाद हुआ, जो क्रिकेट इतिहास में 'मंकीगेट' के नाम से पहचाना गया. इस पूरे कांड में ऑस्ट्रेलिया टीम की पैदाइशी बदतमीजी देखने को मिली थी. दरअसल, सिडनी में दूसरा टेस्ट मैच चल रहा था और भारतीय टीम बैटिंग कर रही थी तभी  एंड्रयू साइमंड्स के साथ हरभजन सिंह की बहस हो गई थी. जिसमें कप्तान रिकी पोंटिंग काफी भड़क गए थे.

बेबुनियाद निकले थे आरोप

रिकी पोंटिंग ने हरभजन सिंह की शिकायत अंपायर से कर दी और उन पर रेसिज्म यानी नस्लीय टिप्पणी का गंभीर आरोप तक लगा दिया था. आरोप था कि हरभजन ने साइमंड्स को मंकी यानि बंदर कहा है. इस मामले में हरभजन सिंह को दोषी ठहराते हुए 3 मैचों का बैन लगा दिया गया था. फिर टीम इंडिया एकजुट हुई और इसका विरोध किया. मामला बढ़ता देख आईसीसी ने इसकी सुनवाई न्यूजीलैंड के जज हैन्सन को सौंप दी. जज ने सुनवाई के बाद भज्जी पर लगे सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया.

3. स्टीव वॉ और पार्थिव पटेल

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान और दिग्गज खिलाड़ी स्टीव वॉ अपने बेहुदा बयान को लेकर चर्चा में रहे. उन्होंने टीम इंडिया के युवा खिलाड़ी पार्थिव पटेल पर ऐसा कमेंट किया था, जिसे लेकर क्रिकेट जगत में उनकी काफी आलोचना भी होती है. बात साल 2004 की है. भारतीय टीम, ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर थी और स्टीव वॉ (Steve Waugh) अपना आखिरी मैच खेल रहे थे. ये वही टेस्ट मैच था, जिसमें सचिन तेंदुलकर ने 241 रनों की पारी खेली थी. भारत ने बड़ा टारगेट दिया था, इसलिए मेजबान ऑस्ट्रेलिया दबाव में थी.

'जब मैंने अपना पहला टेस्ट मैच खेला था तब तुम नैपी पहनते थे'

जब स्टीव वॉ बैटिंग करने आए तो विकेट के पीछे से विकेटकीपर पार्थिव पटेल लगातार उनका ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे थे तभी स्टीव वॉ ने कहा 'थोड़ा सम्मान दो बेटा, जब मैंने अपना पहला टेस्ट मैच खेला था तब तुम नैपी पहनते थे.' एक सीनियर खिलाड़ी का का उस वक्त 19 साल के पार्थिव पर इस तरह का कमेंट करना दर्शाता है कि ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी हमेशा बदतमीजी करते आए हैं. ये बयान किसी और ने नहीं बल्कि सफलतम कप्तानों में शुमार स्टीव ने दिया था.

Kapil dev-1
 

ऑस्ट्रेलिया और भारत में कितना फर्क...

दरअसल, ऑस्‍ट्रेलिया इकलौती ऐसी टीम नहीं है, जिसने विश्‍व कप जीता हो... भारतीय टीम दो बार की चैंपियन है. जब 1983 में टीम इंडिया जब पहली बार चैंपियन बनी थी तो हमारे कप्तान ने ट्रॉफी को सिरमाथे लगाया था. यह बताता है कि भारत में क्रिकेट किसी धर्म से कम नहीं है, यहां इस खेल की पूजा की जाती है. वहीं दूसरी तरफ कंगारूओं के लिए इस ट्रॉफी का कितना महत्व है ये मिचेल मार्श की वायरल फोटो देखकर समझा जा सकता है.