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ICC ने लिए 4 बड़े फैसले...महिला क्रिकेट में नहीं होगी 'मेल प्यूबर्टी' वाले प्लेयर्स की एंट्री, जानिए क्या है स्टॉप क्लॉक?

ICC New Rules:आईसीसी ने कुछ नए नियम लागू किए हैं, जिसके तहत अब बॉलिंग करने वाली टीम को 60 सेकंड के अंदर दूसरा ओवर डालना होगा.

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Edited By: Bhoopendra Rai
ICC ने लिए 4 बड़े फैसले...महिला क्रिकेट में नहीं होगी 'मेल प्यूबर्टी' वाले प्लेयर्स की एंट्री, जानिए क्या है स्टॉप क्लॉक?

ICC New Rules: वनडे विश्व कप 2023 खत्म हो गया है. ऑस्ट्रेलिया इस बार चैंपियन बनी है. विश्व कप के बाद आईसीसी ने 21 नवंबर को अपने बोर्ड की बैठक की, जिसमें 4 बड़े फैसल लिए हैं. आईसीसी ने कुछ नए नियम लागू किए हैं, जिसके तहत अब बॉलिंग करने वाली टीम को 60 सेकंड के अंदर दूसरा ओवर डालना होगा, वरना उसे पेनल्टी लग सकती है. आइए विस्तार से जान लेते हैं...

1.  ‘मेल प्यूबर्टी’हासिल करने वालों को महिला क्रिकेट में एंट्री नहीं

आईसीसी ने नए नियम के तहत उन क्रिकेटर्स को अंतरराष्ट्रीय महिलाओं के खेल में प्रतिस्पर्धा करने से रोक दिया गया है जो ‘मेल प्यूबर्टी’हासिल कर चुके हैं. मेल प्यूबर्टी का मतलब है कि जो भी पुरुष लिंग परिवर्तन कराकर महिला बनने के प्रतिभागी बने हैं अब वह अंतरराष्ट्रीय महिला खेल में भाग लेने के पात्र नहीं होंगे.' आईसीसी ने कहा कि वह अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट की अखंडता और खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिए यह निर्णय ले रहा है.

हर 2 साल के भीतर होगी समीक्षा

आईसीसी ने अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट के लिए लिंग पात्रता के नियम को लागू किया है. जबकि घरेलू स्तर पर फैसला लेने का जिम्मा सदस्य बोर्डों के हाथों में छोड़ दिया. आईसीसी ने कहा, यह फैसला डॉ. पीटर हरकोर्ट की अध्यक्षता वाली आईसीसी चिकित्सा सलाहकार समिति के नेतृत्व में की गई समीक्षा पर आधारित है. यह पूरी तरह से अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेट के लिए लैंगिक पात्रता से संबंधित है. घरेलू स्तर पर लैंगिक पात्रता के मामले में प्रत्येक सदस्य बोर्ड का अपना कानून होगा. इस नियम की दो साल के अंदर समीक्षा की जाएगी.

2. स्टॉप क्लॉक

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) ने दूसरे नियम में स्टॉप क्लॉक के बारे में बताया गया. यह रूल गेंदबाजी कर रही टीम पर लागू होगा. आईसीसी ने बयान में कहा 'मुख्य कार्यकारियों की समिति इस बात पर सहमत हुई के पुरुष एकदिवसीय और टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में दिसंबर 2023 से अप्रैल 2024 तक ट्रायल के आधार पर ‘स्टॉप क्लॉक’ का इस्तेमाल किया जाएगा. इस घड़ी का इस्तेमाल ओवरों के बीच में लगने वाले समय पर नजर रखने के लिए किया जाएगा. अगर गेंदबाजी टीम पिछला ओवर खत्म करने के 60 सेकेंड के भीतर अगला ओवर फेंकने के लिए तैयार नहीं होती है तो पारी में तीसरी बार ऐसा करने पर पांच रन की पेनल्टी लगाई जाएगी.

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3.  डिमेरिट अंकों की संख्या को बढ़ाकर 6 अंक किया गया

आईसीसी ने पिच को लेकर भी नियम सख्त किए हैं. जिसमें इंटरनेशनल क्रिकेट की मेजबानी से पिच को प्रतिबंधित करने की अपनी प्रक्रिया में बदलाव किया है. आईसीसी ने बताया कि पिच और आउटफील्ड निगरानी नियमों में बदलाव को भी मंजूरी दी गई, जिसमें उन मानदंडों को सरल बनाना शामिल है जिनके आधार पर पिच का मूल्यांकन किया जाता है और आयोजन स्थल का अंतरराष्ट्रीय दर्जा हटाने के लिए अब 5 साल में डिमेरिट अंकों की संख्या को पांच की जगह छह अंक किया जाएगा.

4.  महिला अंपायर्स को पुरुषों के बराबर वेतन मिलेगा

आईसीसी ने महिला अंपायर्स के हित में बड़ा फैसला दिया है, जिसके तहत अब आईसीसी के सभी अंपायर्स को समान वेतन दिया जाएगा चाहे वह महिला हो या पुरुष. यह फैसला साल 2024 से लागू होगा. इतना नहीं अब आईसीसी महिला चैंपियनशिप की हर सीरीज में कम से कम एक तटस्थ अंपायर नियुक्त किया जाएगा.