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'तुम्हारे लिए टीम इंडिया के दरवाजे खुले हैं, लेकिन....इस दिग्गज ने पृथ्वी शॉ में भर दिया जोश

Greg Chappell on Prithvi Shaw: ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान ग्रेग चैपल ने पृथ्वी शॉ को आश्वस्त किया कि उनका पूरा करियर अभी भी उनके सामने है. कड़ी मेहतन के दम पर वो टीम इंडिया में जगह बना सकते हैं. चैपल का मानना है कि शॉ के लिए अभी भी टीम इंडिया के दरवाजे खुले हैं.

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Edited By: India Daily Live
Greg Chappell
Courtesy: Twitter

Greg Chappell on Prithvi Shaw: पृथ्वी शॉ...ये वो खिलाड़ी है, जिसने आते ही इंटरनेशनल स्तर पर तबाही मचा दी थी. शॉ ने महज 18 साल की उम्र में टेस्ट डेब्यू करते हुए शतक ठोका था. घरेलू क्रिकेट में रनों की बारिश करने के बाद वो टीम इंडिया में आए थे तो उन्हें टीम इंडिया का फ्यूचर कहा गया. अब ये खिलाड़ी गुमनाम है. टीम इंडिया से बाहर होने के बाद मुंबई ने उन्हें बाहर कर दिया, इसलिए वो इस सीजन रजणी में भी नहीं दिख रहे हैं. इस बीच इस युवा खिलाड़ी के लिए ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज क्रिकेटर और टीम इंडिया के पूर्व कोच ग्रैग चैपल का सपोर्ट मिला है.

24 साल की उम्र में ही पृथ्वी शॉ का इंटरनेशनल क्रिकेट करियर खत्म होने की कगार पर पहुंच गया है. इस बीच भारतीय टीम के कोच रह चुके ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान ग्रेग चैपल ने शॉ को एक भावुक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने प्रेरणा और मार्गदर्शन दिया. चैपल ने भरोसा जताया है कि शॉ वापसी करेंगे.  

चैपल ने अपने पत्र में पृथ्वी शॉ को याद दिलाया कि कैसे संघर्ष का यह समय उनके करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है. उन्होंने लिखा मुझे याद है जब मैंने तुम्हें भारत की अंडर-19 टीम के लिए खेलते देखा था. तुमने अपने समय के सबसे रोमांचक युवा क्रिकेटरों में से एक के रूप में पहचान बनाई थी। तुम्हारे करियर का सर्वश्रेष्ठ समय अभी बाकी है.'

चैपल ने बताया असफलताएं कैसे मजबूत बनाती हैं

चैपल ने खुद के करियर से जुड़ी चुनौतियों का भी जिक्र किया. उन्होंने बताया कि कैसे असफलता ने उन्हें मजबूत बनाया. चैपल ने पृथ्वी से कहा कि असफलताएं किसी भी खिलाड़ी के करियर का हिस्सा होती हैं. उन्होंने डॉन ब्रैडमैन जैसे महान क्रिकेटर का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने भी टीम से बाहर होने का सामना किया था, लेकिन अपनी कड़ी मेहनत और अनुशासन के जरिए वापसी की. उन्होंने पृथ्वी को खुद पर ध्यान केंद्रित करने और अपने मानसिक और शारीरिक खेल को मजबूत बनाने की सलाह दी है.

'अनुशासन का दर्द पछतावे के दर्द से कम होता है'

चैपल ने अपने पत्र में बताया कि जब वे खुद टीम से बाहर हुए थे, तो उन्होंने एक "प्रक्रिया-केंद्रित" दृष्टिकोण अपनाया, जिससे उनके खेल में सुधार हुआ. उन्होंने शॉ से अपने खान-पान और फिटनेस पर ध्यान देने के लिए भी कहा, साथ ही यह भी सलाह दी कि वह अनुशासन का महत्व समझें. चैपल ने लिखा, 'अनुशासन का दर्द पछतावे के दर्द से कम होता है.'

अतीत तुम्हें परिभाषित नहीं करता

चैपल ने पृथ्वी को भारतीय टीम में वापसी के लिए तैयार रहने और खुद में विकास और बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्धता दिखाने की सलाह दी. उन्होंने लिखा, 'पृथ्वी, अतीत तुम्हें परिभाषित नहीं करता, इस समय का उपयोग उस क्रिकेटर और व्यक्ति की कल्पना करने में करो जो तुम बनना चाहते हो.'

कई लोग तुम पर विश्वास करते हैं पृथ्वी

चैपल ने अपने पत्र के अंत में कहा कि वे और कई अन्य लोग पृथ्वी पर विश्वास करते हैं और उनकी वापसी की यात्रा का समर्थन करने के लिए तैयार हैं. उन्होंने शॉ को मदद का प्रस्ताव देते हुए लिखा, 'जान लो कि मैं और कई अन्य लोग तुम पर विश्वास करते हैं, तुम्हारी इस यात्रा के लिए शुभकामनाएं'.