हाल ही में एक वैज्ञानिक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि धीरे-धीरे धरती से मर्दों की संख्या घट सकती है. रिपोर्ट में तो यहां तक कहा गया है कि आने वाले सालों में लड़कों का जन्म लेना ही बंद हो जाएगा और सिर्फ लड़कियां ही पैदा होंगी. Y क्रोमोसोम का कमजोर होना इसकी प्रमुख वजह बताया गया है जो पुरुषों के लिंग का निर्धारण करता है. रिपोर्ट के अनुसार मर्दों में पाया जाने वाला क्रोमोसोम Y धीरे-धीरे सिकुड़ रहा है और एक ऐसा समय आएगा जब यह पूरी तरह गायब हो जाएगा.
बता दें कि इंसान और स्तनधारी जानवरों में दो गुणसूत्र X और Y पाए जाते हैं, जिनसे लिंग निर्धारण होता है. X लड़कियों का और Y पुरुषों का लिंग निर्धारण करता है.
लेकिन प्रोसीडिंग्स ऑफ द नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस में प्रकाशित इस रिपोर्ट के अनुसार, Y गुणसूत्र धीरे-धीरे कमजोर हो रहा है. ऐसे में पुरुषों की आबादी कम होती चली जाएगी और लाखों सालों बाद वे विलुप्त हो जाएंगे.
Y गुणसूत्र में होते हैं केवल 45 जीन
बता दें कि Y गुणसूत्र बहुत छोटा होता है और इसमें कुल 45 जीन होते हैं और केवल एक जीन ऐसा होता है जो पुरुष बनाता है. हालांकि ऐसा हमेशा से नहीं था, पहले Y गुणसूत्र में 900 जीन होते थे लेकिन ये कमजोर होते गए और अब यह 45 रह गए एक समय ऐसा आएगा जब ये बिल्कुल शून्य रह जाएंगे.
क्या है इसके कारण
ऑस्ट्रेलियाई आनुवांशिकीविद जेनी ग्रोव्स ने इसके पीछे कुछ कारण भी बताए हैं. उन्होंने बताया कि सबसे पहले तो Y गुणसूत्र अंडकोष में छोटा होता है और कभी अंडाशय में नहीं होते. अंडकोष रहने के लिए सुरक्षित स्थान नहीं है क्योंकि उसमें कई म्यूटेशन होते रहते हैं. यह खुद को ठीक करने में भी बहुत अच्छा नहीं है. अब तक Y गुणसूत्र ने अपने 97% पैतृक जीन खो दिए हैं जबकि X लगभग वैसा ही बना हुआ है.
पुरुषों के लिए चिंता की बात नहीं
हालांकि ग्रेव ने कहा कि इससे पुरुषों को घबराना नहीं चाहिए क्योंकि ऐसा होने में अभी 70 लाख साल लग सकते हैं. गुणसूत्र पहली बार 18 करोड़ साल पहले विकसित हुआ था. ग्रेव्स ने कहा कि यह अजीब है कि लोग Y गुणसूत्र के खत्म होने से इतने परेशान हो जाते हैं. उन्होंने यह भी कहा कि हो सकता है कि आगे हमारे शरीर में एक नया लिंग निर्धारण जीन विकसित हो जाए जैसा कि कुछ जीवों में देखा गया है.