Petticoat Cancer: क्या आप सोच सकते हैं कि साड़ी पहनने से भी आपको कैेंसर हो सकता है. इसके लिए महिलाओं को चेतावनी दी जा रही है. हाल ही में डॉक्टर ने पेटीकोट पहनने से संबंधित एक चौंकाने वाली चेतावनी दी है. जिसके बाद पूरे देश में इस मुद्दे पर बहस छिड़ गई है.
डॉक्टर के अनुसार, लंबे समय तक पेटीकोट पहनने से महिलाओं में स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं, जिनमें कैंसर का खतरा भी शामिल है. इस चेतावनी ने समाज में हलचल मचा दी है और विशेषज्ञों के बीच इसे लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं.
मनोविज्ञान और पोषण विशेषज्ञ ने हाल ही में एक सार्वजनिक कार्यक्रम में पेटीकोट पहनने के असर को लेकर चिंता व्यक्त की. उनका कहना है कि पेटीकोट की विशेष रूप से धोती स्टाइल, जिसमें शरीर पर ज्यादा दबाव पड़ता है, से महिलाओं के अंदर रक्त संचार पर असर पड़ सकता है, जिससे शरीर के आंतरिक अंगों पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है. उन्होंने यह भी बताया कि पेटीकोट के संपर्क में आने से शरीर में गर्मी और नमी पैदा हो सकती है, जो बैक्टीरियल और फंगल इंफेक्शन का कारण बन सकते हैं, जो समय के साथ कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का रूप ले सकते हैं.
डॉ. मुताबिक, पेटीकोट पहनने से महिलाओं के प्रजनन अंगों में गर्मी और आर्द्रता का स्तर बढ़ सकता है, जो कि सर्वाइकल कैंसर और ओवेरियन कैंसर जैसी बीमारियों का कारण बन सकते हैं. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि लंबे समय तक पेटीकोट पहनने से रक्त परिसंचरण में रुकावट आ सकती है, जिससे शरीर में विषाक्त पदार्थ जमा हो सकते हैं और यह भविष्य में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकते हैं.
यह बयान सामने आते ही सोशल मीडिया पर एक तीव्र बहस शुरू हो गई है. महिलाओं ने इसे उनके पहनावे के अधिकार पर हमला बताया है, जबकि कुछ ने इसे स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने का एक प्रयास माना है. कई स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस बयान का समर्थन कर रहे हैं, जबकि अन्य इसे अतिरंजित और बिना ठोस प्रमाणों के एक कुत्सित बयान मानते हैं.
महिलाओं के अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्थाओं ने इस तरह की चेतावनियों को गलत और भ्रामक करार दिया है, जबकि फैशन जगत में काम करने वाले डिजाइनरों ने भी पेटीकोट को एक पारंपरिक परिधान के रूप में सम्मानित किया है, और इसे स्वास्थ्य से जोड़कर देखने की आलोचना की है.
पेटीकोट पहनने को लेकर यह चेतावनी जहां एक तरफ बहस का कारण बनी है, वहीं दूसरी तरफ यह एक नया मुद्दा खड़ा करती है कि हम अपने पारंपरिक पहनावे के प्रति कितना सचेत हैं और क्या ये वास्तव में हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं. हालांकि, इस विषय पर आगे की रिसर्च और अध्ययन की आवश्यकता है ताकि इस विषय पर ठोस और वैज्ञानिक प्रमाण सामने आ सकें.
नोट: साथ ही, यह भी जरूरी है कि महिलाएं अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहें और किसी भी तरह की परेशानी का अनुभव होने पर डॉक्टर से परामर्श लें.