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ओडिशा में लोगों का गला घोंट रही 'डिप्थीरिया', 5 मौतों के बाद मिले 18 संदिग्ध; जानें लक्षण और उपाय

Diphtheria Symptoms And Treatment: ओडिशा में चुनाव के बाद एक नया संकट खड़ा होता दिखा रहा है. यहां डिप्थीरिया संक्रमण तेजी से फैल रहा है. अब तक राज्य में इससे 5 लोगों की मौत हो गई है. वहीं स्वास्थ्य विभाग को 18 संदिग्ध मिले हैं. हालांकि, स्वास्थ्य विभाग ने इसे लेकर आज से ही टीकाकरण शुरू कर दिया है. आइये जानें संक्रमण के प्रभाव और इलाज के उपाय.

diphtheria
Courtesy: Social Media

Diphtheria Symptoms And Treatment: ओडिशा में इन दिनों 'डिप्थीरिया' ने दस्तक दे दी है. रिपोर्ट के अनुसार अभी तक राज्य में इससे 5 मौतें सामने आई हैं. वहीं 18 संदिग्ध मिले हैं. ओडिशा के जन स्वास्थ्य निदेशक नीलकंठ मिश्रा ने बुधवार को इस संबंध में जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि इसके लिए आज से प्रदेश में टीकाकरण शुरू किया जा रहा है. आइये जानें इस संक्रमण के लक्षण क्या है और इसके लिए आप क्या उपाय कर सकते हैं.

पिछले कुछ समय में दुनियाभर में डिप्थीरिया के केस काफी तेजी से बढ़े हैं. इसे लेकर विश्व WHO ने भी चिंता जाहिर की थी. ये संक्रमण पेशेंट की मौत हो सकती है. आम लोग इसे गलघोटू बीमारी भी कहते हैं. आइये जानें ये बीमारी क्या है, इसके लक्षण कैसे होते हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है.

ओडिशा में डिप्थीरिया

ओडिशा के जन स्वास्थ्य निदेशक नीलकंठ मिश्रा ने की कालाहांडी में संदिग्धों की संख्या घटकर 18 हो गई है. वहीं कुल मौतों का आंकड़ा अभी 5 पर बना है. टीकाकरण कार्यक्रम आज से चलाया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग इसके लिए घर-घर जाकर सर्वेक्षण कर रहा है.

क्या है डिप्थीरिया

यह एक बैक्टीरियल इंफेक्शन है जिससे जो गले और नाक की भीतरी परत में नुकसान होता है. ये इतना ताकतवर होता है कि समय पर इलाज नहीं मिलने से मरीज की मौत हो सकती है. इलाज न मिलने से ये खतरनाक टॉक्सिन्स के रूप में निकलने लगते हैं. इसके बाद किडनी, लिवर और नर्वस सिस्टम पर खतरा बन जाता है.

डिप्थीरिया के लक्षण

- गले में लगातार खराश
- गले में सूजन के साथ दर्द
- तेज बुखार का बना रहना
- सांस लेने में तकलीफ
- जुकाम और खांसी
- कुछ खाने में तकलीफ होना
- आंखों में धुंधलापन
- स्किन का नीला पड़ना

इस तरह होता है संक्रमण

डिप्थीरिया मुख्य रूप से खांसी और छींकने से फैलता है. इसके साथ ही संक्रमित व्यक्ति के साथ निकट संपर्क के कारण भी संक्रमण हो सकता है. वहीं डिप्थीरिया से संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुओं के उपयोग से भी खतरा होता है.

डिप्थीरिया का इलाज

डिप्थीरिया का पता लगते ही डॉक्टर जल्द इलाज शुरू करा देना चाहिए. इसमें वो सबसे पहले एंटी टॉक्सिन इंजेक्शन देगा. क्योंकि, इससे शरीर में छोड़े जहरीले पदार्थों को नष्ट किया जाता है. इसके बाद इसे काबू में करने के लिए एरिथ्रोमाइसिन, पेनिसिलिन जैसे एंटीबायोटिक्स दिए जाएंगे. कई बार मरीजों को कोरंटाइन करके रखा जाता है.

डिप्थीरिया का बच्चों को ज्यादा खतरा होता है. क्योंकि उनमें इम्यूनिटी विकसित कम होती है. इसके लिए 2 महीने से इसके टीके दिए जाते हैं. बच्चों को लगातार 6 साल तक कुल 5 टीके दिए जाते हैं. हालांकि, 12 साल के आसपास इसका टीका फिर लगाया जाता है. क्योंकि, इसका असर 10 साल तक ही होता है.

बचाव के उपाय

डिप्थीरिया शरीर को कमजोर कर देता है. इसलिए ज्यादा से ज्यादा आराम करें. संक्रमित होने के बाद फिजिकल एक्टिविटी से बचें. गले में ये असर करता है इस कारण आपको लिक्विड या नरम खाना खाना चाहिए. अगर आपको बीमारी हो गई है तो घर के अन्य लोगों से अलग रहें. अगर बीमारी ठीक भी हो जाती है तो इसके टीकों की सीरीज पूरी करनी चाहिए.