कर्नाटक सरकार ने राज्यभर में बेकरी के केक के नमूनों की जांच के बाद एक गंभीर चेतावनी जारी की है. जांच में 235 नमूनों में से 12 केक में हानिकारक कैंसरकारी तत्व पाए गए हैं. इस मुद्दे पर वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि यह कार्रवाई 2006 के खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम के अंतर्गत की गई है, जिसके अनुसार खाद्य पदार्थों में असुरक्षित रसायनों का उपयोग प्रतिबंधित है.
यह जांच मुख्य रूप से बेंगलुरु की बेकरियों से लिए गए केक के नमूनों पर आधारित थी. अधिकारियों ने पाया कि कई केक में हानिकारक रसायनों का मिश्रण मौजूद था, जिससे लोगों की सेहत पर गंभीर खतरा उत्पन्न हो सकता है. खाद्य सुरक्षा आयुक्त श्रीनिवास के ने सभी बेकरियों को स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि वे अपने उत्पादों में असुरक्षित सामग्री का उपयोग न करें.
विशेषज्ञों का मानना है कि बेकरी के केक में अत्यधिक मात्रा में रंग, प्रिज़र्वेटिव और अन्य रसायनों का उपयोग किया जाता है. ये रसायन स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक साबित हो सकते हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि कई बेकरी मालिक इन साइड इफेक्ट्स के बावजूद ग्राहकों को ऐसे उत्पाद बेच रहे हैं, क्योंकि कई लोग कीमत को गुणवत्ता से अधिक प्राथमिकता देते हैं.
स्वस्थ विकल्प की ओर बढ़ते कदम
दिल्ली स्थित स्विरल्स केकरी की मालिक कृति जिंदल ने कैंसरकारी रसायनों की मौजूदगी को चिंताजनक बताया है. उन्होंने प्राकृतिक रंगों जैसे चुकंदर का रस, ब्लूबेरी और हल्दी के उपयोग की सिफारिश की है. यह सुझाव केवल स्वास्थ्य को ध्यान में रखकर ही नहीं, बल्कि ग्राहकों के लिए एक बेहतर और सुरक्षित विकल्प पेश करने के लिए भी है.
कर्नाटक सरकार की यह चेतावनी हमें यह सोचने पर मजबूर करती है कि हम अपनी सेहत को लेकर कितने जागरूक हैं. बेकरी के केक का सेवन करने से पहले हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे सुरक्षित और स्वास्थ्यवर्धक हैं. स्वास्थ्य की कीमत पर सस्ते विकल्पों को चुनना कहीं न कहीं हमारी भलाई के लिए हानिकारक साबित हो सकता है. इसलिए, हमें गुणवत्ता को प्राथमिकता देते हुए स्वस्थ और सुरक्षित खाद्य विकल्पों की ओर कदम बढ़ाना चाहिए.