Russia-Ukraine war: अमेरिका ने अभी तक यूक्रेन का काफी साथ दिया है. रूस-यूक्रेन जंग में बाइडेन प्रशासन ने यूक्रेन को आर्थिक, कूटनीतिक और सैन्य सभी तरह की मदद दी है, लेकिन अब व्हाइट हाउस में डोनाल्ड ट्रंप बैठ चुके हैं. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का कहना है कि वह यूक्रेन के साथ एक समझौते पर बातचीत करना चाहते हैं, जिसमें कीव सहायता के बदले में इलेक्ट्रॉनिक्स में इस्तेमाल होने वाले प्रमुख तत्वों, दुर्लभ पृथ्वी धातुओं की आपूर्ति की गारंटी देता है.
ट्रंप की नजर यूक्रेन की खनीज पर
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने रूस के साथ युद्ध को समाप्त करने के लिए अपनी "विजय योजना" के हिस्से के रूप में पिछले अक्टूबर में ऐसा विचार पेश किया था. ट्रम्प ने सोमवार को कहा कि हम यूक्रेन को बता रहे हैं कि उनके पास बहुत मूल्यवान दुर्लभ चीजें हैं. हम यूक्रेन के साथ एक ऐसा समझौता करना चाहते हैं, जिसमें वे अपने दुर्लभ खनीज और अन्य चीजों के साथ जो हम उन्हें दे रहे हैं, उसे सुरक्षित करेंगे. व्हाइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रम्प ने कहा कि यूक्रेन तैयार है, उन्होंने कहा कि वह वाशिंगटन के करीब 300 बिलियन डॉलर के समर्थन के लिए यूक्रेन से बराबरी चाहते हैं.
ट्रम्प ने बताया कि कि उन्हें यूक्रेनी सरकार से यह मैसेज मिला है कि वे अमेरिका को आधुनिक तकनीकी अर्थव्यवस्था बनने में मदद करने के लिए रेयर अर्थ मटेरियल को लेकर एक समझौता करने को तैयार हैं. उन्होंने कहा कि मैं रेयर अर्थ मटेरियल की सुरक्षा चाहता हूं. युद्ध के बारे में बात करते हुए ट्रंप ने कहा है कि वे इश जंग को जल्द खत्म कर देंगे और इसपर बातचीत जारी है.
जर्मन चांसलर ने की आलोचना
जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने ट्रंप की क्विड प्रो क्वो की मांग की आलोचना करते हुए कहा कि यह बहुत स्वार्थी होगा. ब्रसेल्स में साथी यूरोपीय संघ के नेताओं के साथ बैठक के बाद स्कोल्ज़ ने कहा कि ऐसे संसाधनों का युद्ध के बाद देश के पुनर्निर्माण के लिए बेहतर उपयोग किया जाएगा. हाल के दिनों में यूक्रेन में हथियारों की अमेरिकी खेप कुछ समय के लिए रोक दी गई थी, लेकिन सप्ताहा में इसे फिर से शुरू कर दिया गया, क्योंकि ट्रम्प प्रशासन कीव के प्रति अपनी नीति पर बहस कर रहा था.