पूरी दुनिया में लाखों लोग ऐसे हैं जो खुद को भविष्यवाणी वाले दावे को लेकर जाने जाते हैं. हालांकि दुनिया सिर्फ उन्हें ही जानती हैं, जिनकी भविष्यवाणियां दूसरों की अपेक्षा ज्यादा सच होती है. ऐसे ही भविष्यवक्ताओं में फेमस नेत्रहीन बल्गेरियाई महिला वेंगेलिया पांडेवा गुशटेरोवा या बाबा वेंगा किसी परिचय के मोहताज नहीं है. बाबा वेंगा की भविष्यवाणियां उनकी मौत के सालों बाद भी लोगों की जिज्ञासा को उतनी ही जगाती है. बाबा वेंगा ने द्वितीय विश्व युद्ध, चेकोस्लोवाकिया और युगोस्लाविया के विघटन, चेरनोबिल परमाणु दुर्घटना, स्टालिन की मौत की तारीख समेत कई ऐसी भविष्यवाणियां की थी, जो आगे चलकर सच साबित हुई. ऐसे में हर साल की शुरुआत में लोग यह जानना चाहते हैं कि नए वर्ष के लिए बाबा वेंगा ने क्या भविष्यवाणी की.
बता दें कि 16वीं सदी के फ्रांसीसी ज्योतिष नास्त्रेदमस ने भी ऐसी ही भविष्यवाणियां की थी, जिसमें 2025 के आसपास होने वाली महत्वपूर्ण घटनाओं का पूर्वानुमान लगाया गया था, जिसमें एक प्रमुख यूरोपीय संघर्ष भी शामिल था. जबकि बाबा वंगा ने अलौकिक संपर्क और एक नए ऊर्जा स्रोत की भविष्यवाणी की थी, नास्त्रेदमस ने 'क्रूर युद्धों' और एक विनाशकारी 'प्राचीन प्लेग' की चेतावनी दी थी. इसके अतिरिक्त, वेंगा ने जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाली गंभीर पर्यावरणीय आपदाओं, जैसे कि सूखा और जंगल की आग की भविष्यवाणी की थी. हालाँकि, उन्होंने प्रयोगशाला में विकसित मानव अंगों में प्रगति की भी भविष्यवाणी की, जो जीवन प्रत्याशी को बढ़ा सकते हैं और प्रत्यारोपण की कमी को दूर कर सकते हैं.
1911 में जन्मी बाबा वंगा, जिनका पूरा नाम वांगेलिया पांडेवा गुशटेरोवा था, ने 12 साल की उम्र में एक तूफ़ान के बाद अपनी दृष्टि खो दी थी. इस घटना के बाद, कथित तौर पर उनमें पूर्वज्ञान क्षमताएं विकसित हुईं और वे अपनी भविष्यवाणियों के लिए प्रसिद्ध हो गईं. वंगा अपने जीवन के अधिकांश समय बुल्गारिया में रहीं और वैश्विक घटनाओं के बारे में अपनी भविष्यवाणियों के लिए प्रसिद्ध हुईं. उन्होंने 11 अगस्त, 1996 को अपनी मृत्यु की भी सटीक भविष्यवाणी की थी.
इससे पहले बाबा वंगा की पिछली भविष्यवाणियां, जिनमें 9/11 हमले जैसी महत्वपूर्ण घटनाएं शामिल हैं, की सफलता दर 85% बताई जाती है. उनकी भविष्यवाणियों के बारे में संदेह के बावजूद, उनकी विरासत आज भी कायम है. आलोचकों का तर्क है कि उनकी भविष्यवाणियाँ अक्सर अस्पष्ट और व्याख्या के लिए खुली होती हैं, फिर भी वे भू-राजनीतिक तनावों और पर्यावरण चुनौतियों के बीच मानवता के भविष्य के बारे में चर्चाओं को बढ़ावा देती रहती हैं.