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India Daily

India US relations: अमेरिका ने चलाई बैन की तलवार! भारत की वो 19 कंपनियां, जिस पर US ने लगाया प्रतिबंध; क्या है रूस कनेक्शन

अमेरिका ने कहा कि इस साझा कार्रवाई का मकसद उन देशों’ को दंडित करना है जो रूस की मदद कर रहे हैं. यूक्रेन युद्ध के बाद यूएस, रूस पर पहले ही कई तरह के बैन लगा चुका है.

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Mayank Tiwari
Joe Biden
Courtesy: X@WhiteHouse

India US relations: संयुक्त राज्य अमेरिका ने बुधवार (30 अक्टूबर) को भारत की 19 प्राइवेट कंपनियों और दो भारतीय नागरिकों को कई देशों की "लगभग 400 संस्थाओं और व्यक्तियों" की सूची में डाल दिया, जिन्हें यूक्रेन में रूस के युद्ध प्रयासों में सहायता करने में उनकी कथित भूमिका के लिए प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा. बताया जा रहा है कि, उन कंपनियों पर यूक्रेन के खिलाफ जंग में उलझे रूस के युद्ध प्रयासों को मदद करने वाले उत्पाद एवं सेवाएं देने का आरोप है. इसके अलावा अमेरिका ने रूस और चीन समेत लगभग 15 देशों की 398 कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया गया है.

न्यूज एजेंसी रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी विदेश विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि ऐसा पहली बार नहीं है कि जब भारतीय कंपनियों को अमेरिकी प्रतिबंधों का निशाना बनाया गया है, लेकिन नए कदम "तीसरे देश की कर चोरी के खिलाफ अब तक का सबसे ठोस प्रयास" है. हालांकि, अमेरिकी सरकार का एक्शन ऐसे समय में हुई है जब अमेरिकी धरती पर सिख अलगाववादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की साजिश में एक भारतीय नागरिक की भूमिका के आरोपों को लेकर भारत के साथ द्विपक्षीय संबंध पहले से ही तनाव में हैं.

400 संस्थाओं और व्यक्तियों पर US ने लगाया बैन

 पिछले हफ्ते दांव बढ़ाते हुए अमेरिका ने कहा कि वह तब तक पूरी तरह से संतुष्ट नहीं होगा, जब तक कि कथित साजिश की भारत की जांच से “सार्थक जवाबदेही” नहीं मिलती. बता दें कि, विदेश विभाग ने कहा कि, "अमेरिका आज रूस के अवैध युद्ध के अभियोजन को सक्षम करने के लिए लगभग 400 संस्थाओं और व्यक्तियों पर बैन लगा रहा है. इस कार्रवाई में, विदेश विभाग 120 से ज्यादा व्यक्तियों और संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा रहा है. साथ ही, ट्रेजरी विभाग 270 से ज्यादा व्यक्तियों और संस्थाओं को नामित कर रहा है. वाणिज्य विभाग भी अपनी इकाई सूची में 40 संस्थाओं को जोड़ रहा है.

रूस के समर्थन पर US ने भारत समेत इन देशों पर की कार्रवाई!

इसके अलावा अमेरिकी विदेश विभाग ने कहा कि इस कदम का उद्देश्य प्रतिबंधों से बचने की कोशिशों को रोकना और भारत के अलावा चीन, मलेशिया, थाईलैंड, तुर्की और संयुक्त अरब अमीरात सहित कई देशों की संस्थाओं को टारगेट करना है, जो रूस को “ऐसी वस्तुएं और अन्य महत्वपूर्ण दोहरे उपयोग वाली वस्तुएं बेचती हैं, जिनमें वे महत्वपूर्ण घटक शामिल हैं, जिन पर रूस यूक्रेन के खिलाफ युद्ध छेड़ने के लिए अपने हथियार प्रणालियों के लिए निर्भर करता है.