नई दिल्लीः कनाडा के प्रधानमंत्री ने एक बार फिर से भारत के खिलाफ जहर उगला है. उन्होंने ताजा विवाद में हिंदुओं के स्वास्तिक चिन्ह को नफरत फैलाने वाला करार दिया है.सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर उन्होंने कहा कि हम नफरत फैलाने वाले चिन्हों को संसद में प्रदर्शित नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि नफरत फैलाने वाले चिन्हों को हम संसद में प्रदर्शित करने की इजाजत नहीं दे सकते हैं.
ट्रूडो ने अपने ट्वीट में कहा कि जब हम घृणित भाषा और कल्पना को सुनते या महसूस करते हैं तो हमें इसकी निंदा करनी चाहिए. संसद में किसी भी शख्स के द्वारा स्वास्तिक का प्रदर्शन निंदनीय है इसे स्वीकार नहीम किया जा सकता है. कनाडा के लोगों को एक साथ शांतिपूर्ण तरीके से एकत्रित होने का अधिकार है. हम किसी प्रकार की यहूदी विरोध, इस्लामोफोबिया या नफरत को बर्दाश्त नहीं कर सकते हैं.
When we see or hear hateful language and imagery, we must condemn it. The display of a swastika by an individual on Parliament Hill is unacceptable. Canadians have the right to assemble peacefully – but we cannot tolerate antisemitism, Islamophobia, or hate of any kind.
— Justin Trudeau (@JustinTrudeau) November 5, 2023
सोशल मीडिया पर उनके ट्वीट की काफी आलोचना हो रही है. लोग कह रहे हैं कि स्वास्तिक चिन्ह पवित्रता का प्रतीक है वहीं नाजियों का हेकेनक्रूज नफरत और घृणा का प्रतीक है. कुछ दिन पहले ही ट्रूडो ने एक नाजी सैनिक को संसद में सम्मानित किया था. इसके बाद उनकी चारों ओर आलोचना हुई थी. इसके बाद ट्रूडो ने माफी मांगी थी और कनाडाई संसद के स्पीकर को इस्तीफा देना पड़ा था.
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