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Sinwar Death: हमास चीफ सिनवार मरने से पहले तीन दिन तक रहा भूखा, मौत से पहले नसीब नहीं हुआ अन्न का एक भी दाना

Sinwar Death: हमास नेता याहया सिनवार की मौत के बाद बंधकों की रिहाई और गाजा में लड़ाई खत्म करने की संभावना बढ़ी है. बताया जा रहा है कि सिनवार और उसके लोगों को तीन दिन तक भूखा रखा गया था. हाल की दोहा वार्ता भी हमास की जिद के चलते असफल रही थी.

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Edited By: India Daily Live
Sinwar Death

Sinwar Death: याहया सिनवार की मौत हो चुकी है और इसे लेकर एक खबर सामने आ रही है. बताया जा रहा है कि सिनवार और उसके लोगों को मरने से पहले तीन दिन तक भूखा रखा गया था. इसके मरने के बाद, बंधकों को लेकर समझौते और गाजा में लड़ाई खत्म करने की संभावना अब पहले से थोड़ी बेहतर हो सकती है. हाल ही में हुई दोहा वार्ताओं में कोई प्रोग्रेस नहीं देखी गई थी क्योंकि हमास ने अभी तक समझौते के प्रति अपनी जिद बरकरार रखी थी.

अमेरिका ने बार-बार पुष्टि की है कि हमास ने अब तक सभी समझौता प्रस्तावों को खारिज कर दिया है, जो कि मध्यस्थों या राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा प्रस्तुत किए गए थे. इसके अलावा, हमास ने अपनी शर्तें भी रखीं, जैसे कि गाजा पर अपने कंट्रोल को बनाए रखने की गारंटी और इस्राइली सेना का तत्काल और पूरी तरह से पीछे हटना. सिर्फ यही नहीं, इसमें यह भी शामिल था कि इस्राइल द्वारा कितने और किस तरह के फिलिस्तीनी आतंकवादियों को रिहा किया जाएगा. 

हमास का उद्देश्य ऐसा माहौल बनाना था जिसमें वह इस्राइल राज्य के आधारों को कमजोर कर नागरिकों को नुकसान पहुंचा पाए. हालांकि, इस स्थिति को इस्राइली जनता और बंधकों के परिवारों के सामने कभी भी पेश नहीं किया गया था. देखा जाए तो बंधकों के परिवारों को निश्चित रूप से अपनी बात कहने का अधिकार है. 

गाजा पट्टी में बंधकों का सटीक ठिकाना खुद हमास को भी नहीं पता है, ऐसा कहना किसी और का नहीं बल्कि इजरायली खुफिया एजेंसी शिन बेट के पूर्व वरिष्ठ अधिकारी मीचा कोबी का है. ये हमास मामलों के विशेषज्ञ माने जाते हैं और इन्होंने हमास के नेता याह्या सिनवार से जेल में पूछताछ की थी. उन्होंने कहा था कि हमास का मुख्यालय अब एक्टिव नहीं है, लेकिन संगठन से जुड़े अन्य गुरिल्ला लड़ाके अब भी क्षेत्र में हमले कर रहे हैं. वे टूटी हुई इमारतों में छिपे हुए हैं और वहीं से अपनी एक्टिविटीज ऑपरेट कर रहे हैं.