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India Daily

नेपाल में पहली Same Sex Marriage हुई रजिस्टर, दक्षिण एशिया में बना रिकॉर्ड

परिवार की सहमति के बाद पारंपरिक तरीके से शादी करने वाले नवलपरासी निवासी सुरेंद्र और लामजंग निवासी माया पिछले छह वर्षों से पति-पत्नी के रूप में एक साथ रह रहे थे.

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Edited By: Om Pratap
same sex marriage, Nepal

हाइलाइट्स

  • दक्षिण एशियाई देशों में पहला देश बना नेपाल
  • छह साल से पति-पत्नी के रूप में रह रहे थे माया और सुरेंद्र

Same Sex Marriage First Registration in Nepal: सुप्रीम कोर्ट की ओर से वैधता मिलने के पांच महीने बाद नेपाल ने बुधवार को औपचारिक रूप से समलैंगिक विवाह (Same Sex Marriage) का पहला मामला रजिस्टर किया गया है. नेपाल अब दक्षिण एशियाई देशों में पहला देश बन गया है, जहां समलैंगिक विवाह रजिस्टर हुआ है.

ब्लू डायमंड सोसाइटी के अध्यक्ष संजीब गुरुंग (पिंकी) के अनुसार 35 वर्षीय ट्रांस महिला माया गुरुंग और 27 वर्षीय समलैंगिक सुरेंद्र पांडे ने कानूनी रूप से शादी कर ली है. नेपाल में यौन अल्पसंख्यकों के अधिकारों और कल्याण के लिए काम करने वाला संगठन के मुताबिक उनकी शादी पश्चिमी नेपाल के लामजंग जिले के डोरडी ग्रामीण नगर पालिका में रजिस्टर की गई है.

2007 में ही नेपाली SC ने दे दी थी अनुमति 

जानकारी के मुताबिक, साल 2007 में ही नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक विवाह की अनुमति दे दी थी. यहां तक ​​कि साल 2015 में अपनाए गए नेपाल के संविधान में भी स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यौन रुझान के आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जा सकता है.

27 जून 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने गुरुंग समेत कई लोगों की ओर से दायर याचिका में नेपाल में समलैंगिक विवाह को वैध बनाने के लिए एक अंतरिम आदेश जारी किया था, लेकिन समलैंगिक विवाह को अस्थायी रूप से रजिस्टर करने के ऐतिहासिक आदेश के बावजूद काठमांडू जिला कोर्ट ने चार महीने पहले आवश्यक कानूनों की कमी का हवाला देते हुए इसे खारिज कर दिया था.

नेपाल के थर्ड जेंडर के लिए बड़ी उपलब्धि

सुरेंद्र पांडे और माया की शादी की अर्जी भी उस समय खारिज कर दी गई थी. पिंकी ने न्यूज एजेंसियों को बतायाकि जानकर बहुत खुशी हुई कि यह हमारे नेपाल के तीसरे लिंग समुदाय के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. यह न केवल नेपाल में बल्कि पूरे दक्षिण एशिया में पहला मामला है और हम इस फैसले का स्वागत करते हैं.

कई समलैंगिक जोड़ों को मिलेगी मदद

अपने परिवार की सहमति के बाद पारंपरिक तरीके से शादी करने वाले नवलपरासी जिले के निवासी सुरेंद्र और लामजंग जिले की निवासी माया पिछले छह वर्षों से पति-पत्नी के रूप में एक साथ रह रहे हैं. पिंकी ने कहा कि कई तीसरे लिंग के जोड़े अपनी पहचान और अधिकारों के बिना रह रहे हैं. अब उन्हें बहुत मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि अब इस समुदाय के अन्य लोगों के लिए शादी को वैध बनाने का दरवाजा खुल गया है.