नई दिल्ली. अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों के मुताबिक नाटो शिखर सम्मेलन में यूक्रेन के लिए सुरक्षा पैकेज पर हस्ताक्षर किए गए हैं. इसको देखते हुए पुतिन के सहयोगी दिमित्री मेदवेदेव ने वॉर्निंग देते हुए कहा है कि दुनिया तीसरे विश्व युद्ध के करीब बढ़ रही है और यह बैठक रूस के लक्ष्यों का रोक नहीं पाएगी.
लिथुआनिया में आयोजित नाटो शिखर सम्मेलन खत्म होने होने के पहले दिन क्रेमलिन की शक्तिशाली सुरक्षा परिषद के उपसचिव मेदवेदेव ने टेलीग्राम पर कहा है कि ' पूरी तरह से पागल पश्चिम देश और कुछ नहीं सोच पाए हैं, यह एक डेड एंड है. तीसरा विश्व युद्ध करीब है.'
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि ये सब हमारे लिए मायने नहीं रखता है. स्पेशल मिलिट्री ऑपरेशन अपने लक्ष्यों के साथ जारी रहने वाला है.
परमाणु हमले के लिए दोषी होंगे पश्चिमी देश
लगातार बढ़ रहे युद्ध के बीच मेदवेदेव ने बार-बार न्यूक्लियर वॉर की धमकी भी दी. हफ्तेभर पहले उन्होंने चेतावनी दी थी कि दुनिया तीसरे विश्वयुद्ध की कगार पर खड़ी है और परमाणु युद्ध का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है. इसके लिए पश्चिमी देश ही दोषी होगे. इसके साथ ही पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने भी मेदवेदेव की धमकियों को दोगुना किया है. इस बात पर जोर देते हुए उन्होंने कहा है कि यूक्रेन को मदद देने के काफी नकारात्कम परिणाम होंगे. यूक्रेन को मदद देना रूस की सुरक्षा के खिलाफ माना जाएगा.
जी-7 देशों ने सुंयक्त घोषणा पत्र पर किए हस्ताक्षर
नाटो सम्मेलन से अलग भी जी-7 देशों ने एक संयुक्त घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर करते हुए जब तक संभव हो तब तक यूक्रेन के साथ खड़े रहने का वादा किया है. इसके साथ ही यूके, अमेरिका, जापान, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी और इटली के नेताओं ने एयर डिफेंस सिस्टम, आर्टिलरी, बख्तरबंद गाड़ियां देने को लेकर एक समझौता किया है. इसके अलावा बिट्रेन ने यूक्रेनी पायलटों को ट्रेनिंग देने का भी वादा किया है.
रूसी आक्रमकता के खिलाफ यूक्रेन के साथ हैं जी-7 देश
बिट्रेन ने कहा है कि यूक्रेन को जो भी ऑफर किया जाएगा, वह एग्रीमेंट में लिखा होगा. इसके अलावा एक संयुक्त घोषणा पत्र पर जी-7 नेताओं ने हस्ताक्षर किए हैं. इसमें लिखा है कि 'हम यूक्रेन के साथ खड़े हैं, क्योंकि वह रूसी आक्रमकता के खिलाफ, जब तक जरूरत होगी यूक्रेन खुद का बचाव करेगा.'
इसके अलावा यूक्रेन की डिफेंस इंडस्ट्री का बढ़ावा देने और साइबर सपोर्ट का लक्ष्य भी जी-7 ने रखा है. इसके साथ ही जी-7 देशों ने यक्रेन को नाटो सदस्य बनाने पर भी प्रतिबद्धता जताई है.