नई दिल्ली. वर्तमान समय में आतंकवाद दुनिया के लिए सबसे बड़ा खतरा है. आए दिन जिहादी हिंसा की घटनाएं सुनने, पढ़ने और देखने को मिलती रहती है. यूरोपीय देश फ्रांस हिंसा की आग में सुलग रहा है. इस हिंसा में कई लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी. यूरोप के ज्यादातर देशों में आतकवादी घटनाएं होती रहती है. लेकिन एक ऐसा देश भी हैं जहां आजतक ना तो कोई जिहादी घटना हुई है और ना ही कोई आतंकी वारदात. इस देश का नाम है पोलैंड. यहां हिंसात्मक घटनाओं के ना होने का कारण है एक राजा. जिसने सालों पहले ही एक ऐसा कदम उठाया था जिसकी वजह से पोलैंड में आज तक आतंकी घटनाएं नहीं हुई है.
राजा को जाता है श्रेय
कई मिडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पोलैंड को हिंसात्मक घटनाओं से मुक्त रखने और जिहादी घटनाओं से बचाने के लिए वहां के राजा किंग जॉन ने इस्लाम पर पाबंदी लगा दी थी. 1683 में किंग जॉन और ऑटोमन साम्राज्य के बीच खूनी जंग लड़ी गई थी. ऑटोमन साम्राज्य फतह हासिल कर पूरे यूरोप में इस्लाम को लागू करना चाह रहा था. लेकिन किंग जॉन ने ऑटोमन साम्राज्य के मंशूबों पर पानी फेर दिया था.
भीषण युद्ध
उस वक्त यूरोप में क्रिश्चन कैथोलिक और प्रोटेस्टेंट में बंटे थे. ऑटोमन साम्राज्य खिलाफ जंग में सब इकठ्ठे हो गए थे. 14 जुलई 1683 को प्रारंभ हुआ यह युद्ध 12 सितंबर 1683 तक चला था. इस युद्ध में मुख्यत: ईसाई और इस्लाम धर्म के योद्धा थे. एक तरफ इस्लाम तो दूसरी तरफ ईसाई. इस भीषण युद्द को आज भी इतिहास में पढ़ाया जाता है. इतिहास के पन्नों में दर्ज इसकी कहानी स्कूली बच्चों को पढ़ाई जाती है.
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इस सदी में तुर्की का ऑटोमन साम्राज्य यूरोप के हिस्सों पर अपना प्रभुत्व जमा रहा था. पोलैंड पर कब्जा करके ऑटोमन साम्राज्य पूरे यूरोप में इस्लाम धर्म को लागू करना चाह रहा था. लेकिन पोलैंड को आभास हो गया था कि अगर तुर्की के ऑटोमन साम्राज्य ने वियना पर कब्जा कर लेता है तो पूरे यूरोप में इस्लाम धर्म फैल जाएगा.
ऑटोमन साम्राज्य की हार
तुर्की के ऑटोमन साम्राज्य को इस युद्ध में मुह की खानी पड़ी. वियना पर ऑटोमन साम्राज्य को कब्जा करने से रोकने के लिए पोलैंड के राजा जॉन ने जंग का एलान कर दिया. इस युद्ध में किंग जॉन के नेतृत्व वाली सेना में केवल 90 हजार सैनिक थे तो ऑटोमन साम्राज्य की सेना में डेढ़ लाख सैनिक शामिल थे.
इस युद्ध के पहले ऑटोमन साम्राज्य तेजी से यूरोप के कई हिस्सों में कब्जा जमा रहा थी. उसका लक्ष्य वियना था. क्योंकि अगर वह वियना पर कब्जा जमा लेता तो वहां से पूरे यूरोप पर आसानी से कब्जा जमाया जा सकता था. लेकिन पौलेंड के राजा ने ऐसा होने नहीं दिया. इस हार के बाद ऑटोमन साम्राज्य की मुठ्ठी से पूरा यूरोप फिसल गया. उसका ख्वाब था कि पूरे यूरोप में वो इस्लाम फैलाएगा. लेकिन ऑटोमन साम्राज्य का ये ख्वाब अधूरा ही रह गया. इस जीत के बाद पूरे यूरोप ने जश्न मनाया था.
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राजा ने दिया मूल मंत्र
पोलैंड के राजा किंग जॉन ने मृत्यू के पहले अपनी देश की जनता को मूल मंत्र दिया था कि इस्लाम उनके देश के लिए बहुत बड़ा खतरा है. इससे जितना बच चको बचे रहना. इसके बाद वहां पर इस्लाम धर्म को लेकर कठिन नियम बना दिए गए थे. पोलैंड ने पॉलिसी बनाई की वह ना तो किसी मुस्लिम और अश्वेत लोगों को देश की नागरिकता और वीजा नहीं देगा.
किंग जॉन का फैसला सही?
पौलैंड के राजा किंग जॉन को मरे 350 साल से भी ज्यादा हो गए हैं. लेकिन वहां पर आज तक ना तो कोई बड़ी आतंकी घटना हुई है और ना ही कोई जिहादी घटना का मामला सामने आया है. वहीं यूरोप के कई देश आज आतंकवाद से जूझ रहे हैं. अगर पोलैंड की ही तरह बाकी यूरोपीय देशों ने किंग जॉन की पॉलिसी अपनाई होती तो शायद बड़ी आतंकी घटाएं ना होतीं.
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