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India Daily

NASA ने बताई दुनिया के विनाश की तारीख! स्टीफन हॉकिंग, बाबा वेंगा और नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी से भी खौफनाक होगा अंत

अब NASA ने दुनिया के अंत को लेकर बड़ी भविष्यवाणी को सच बताया है. इन दिनों एक डर का माहौल बना हुआ. दुनिया के कई बड़े-बड़े भविष्यवक्ता ये बता चुके हैं दुनिया का अंत कब होगा. अब एक और खतरनाक भविष्यवाणी आई है. जो बाबा वेंगा और नास्त्रेदमस की पृथ्वी के खात्मे की भविष्यवाणी से भी खौफनाक है. यह भविष्यवाणी स्टीफन हॉकिंग ने की है. इस पर मुहर लगाई है NASA ने. यह कैसे होगा इसके बारे में जानकारी भी दी है.

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Edited By: Reepu Kumari
NASA on World End
Courtesy: Pinteres

NASA on World End: नासा ने भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग की इस भविष्यवाणी से सहमति जताई है कि दुनिया जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग जैसे अस्तित्व संबंधी खतरों का सामना कर रही है, जो हम सभी को खत्म कर सकते हैं. जान लें कि अंतलेकिन पहले अनुमान से कहीं जल्दी.

नासा ने स्टीफन हॉकिंग की दुनिया के अंत की भविष्यवाणी का समर्थन किया, लेकिन यह हमारी सोच से भी पहले हो सकता है!

स्टीफन हॉकिंग की चेतावनी

नासा ने इस बात पर सहमति जताई है कि दुनिया बड़े पैमाने पर कई तरह के खतरों से जूझ रही है . नासा ने यहां तक स्टीफन हॉकिंग के उस भविष्यवाणी का समर्थन किया जिससे वो दुनिया की अंत की बात कह रहे थे. प्रसिद्ध भौतिक विज्ञानी ने 2018 में अपनी मृत्यु से ठीक दो सप्ताह पहले बहुत बड़ी भविष्यवाणियां की थी. द सर्च फॉर ए न्यू अर्थ में हॉकिंग ने दावा किया था कि अगर सभ्यता ने अपना तरीका नहीं बदला तो 2600 तक दुनिया आग का एक विशाल गोला बन जाएगी.

हाल ही में नासा ने कुछ शोध प्रस्तुत किए हैं, जो हॉकिंग की इस चेतावनी का समर्थन कर रहेहैं और यह दर्शाते हैं कि पृथ्वी पर जीवन को खतरे का सामना हमारी सोच से पहले हो सकता है.

हॉकिंग का दृष्टिकोण

स्टीफन हॉकिंग ने हमेशा से ही पृथ्वी पर जीवन की नाजुकता को रेखांकित किया. उनके अनुसार, प्राकृतिक आपदाओं, जलवायु परिवर्तन, अत्यधिक प्रदूषण, परमाणु हथियारों का बढ़ता खतरा और कृत्रिम बुद्धिमत्ता का अनियंत्रित विकास मानवता के लिए विनाशकारी साबित हो सकता है. हॉकिंग का मानना था कि अगर इंसान अपने अस्तित्व को बनाए रखना चाहता है, तो उसे पृथ्वी के बाहर जीवन के लिए विकल्प खोजने होंगे.

नासा के शोध और संभावित खतरे

नासा के वैज्ञानिकों ने अपने हालिया अध्ययनों में पर्यावरणीय बदलाव, जलवायु संकट और पृथ्वी के वायुमंडल में बढ़ती कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा का विश्लेषण किया है. रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि आने वाले दशकों में ग्लेशियरों का तेजी से पिघलना, समुद्र के स्तर का बढ़ना और अत्यधिक गर्मी की लहरें मानव जीवन को प्रभावित कर सकती हैं. नासा के वैज्ञानिकों का कहना है कि इन बदलावों का प्रभाव हमारी वर्तमान सोच से पहले दिखने लगेगा, और इससे इंसान के अस्तित्व पर गंभीर खतरा मंडरा सकता है.

वैज्ञानिकों का क्या कहना है?

प्रसिद्ध खगोलशास्त्री और नासा के वैज्ञानिक डॉ. जेम्स स्मिथ का कहना है, 'हम स्टीफन हॉकिंग की चेतावनियों को अब नजरअंदाज नहीं कर सकते. वर्तमान पर्यावरणीय संकट और तेजी से बदलते मौसम पैटर्न इस बात के स्पष्ट संकेत हैं कि हमें तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है.'

क्या हो सकता है समाधान?

विशेषज्ञों के अनुसार, इस गंभीर स्थिति से बचने के लिए हमें निम्नलिखित कदम उठाने होंगे;

  • नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर ध्यान देना और कार्बन उत्सर्जन को कम करना.
  • जंगलों की कटाई को रोकना और वृक्षारोपण को बढ़ावा देना.
  • पृथ्वी के अलावा अन्य ग्रहों पर जीवन की संभावनाओं की खोज करना, जैसा कि हॉकिंग ने भी सुझाया था.
  • पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना और सतत विकास को बढ़ावा देना.


स्टीफन हॉकिंग के विचार अब केवल एक चेतावनी नहीं रहे; नासा के शोधों से यह स्पष्ट हो चुका है कि हमारी पृथ्वी पर जीवन संकट में है. अगर समय रहते हम आवश्यक कदम नहीं उठाते, तो हॉकिंग की भविष्यवाणी सच हो सकती है. अब समय आ गया है कि हम न केवल इस ग्रह के पर्यावरण को सुरक्षित रखें, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित भविष्य भी सुनिश्चित करें.

डिस्क्लेमर: यह खबर लोगों में जागरूकता बढ़ाने और हमारी पृथ्वी की सुरक्षा के प्रति जिम्मेदारी निभाने का आह्वान करती है.