नई दिल्लीः सोमवार को ताइवानी कंपनी फॉक्सकॉन भारत की कंपनी वेदांता के साथ मिलकर गुजरात में सेमीकंडक्टर प्लांट लगाने के एक समझौते से बाहर हो गई जिससे भारत को बड़ा झटका लगा है. भारत सरकार देश में सेमीकंडक्टर को लेकर चीन का विकल्प तलाश रही थी. इस समझौते के टूटने से भारत की उम्मीदों को तगड़ा झटका लगा है. फॉक्सकॉन के समझौते से पीछे हटने पर चीन सरकार के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने भारत पर तंज कसते हुए कहा कि इस तरह के उद्योग लगाने का कोई शॉर्टकट नहीं होता है.
भारत को झटका
ग्लोबल टाइम्स ने अपने एक संपादकीय में कहा है कि सेमीकंडक्टर जैसे उच्च-स्तर के निर्माण क्षेत्र में भारत को एक झटका लगा है. अखबार ने लिखा है कि इस तरह की इंडस्ट्री को लगाने के लिए भारत सरकार को एक बेहतरीन इंडस्ट्रियल प्लानिंग की भी जरूरत है जो उसकी शर्तों के अनुकूल हो.
पिछले साल हुआ था समझौता
आईफोन और दूसरे एप्पल प्रोडक्ट्स को बनाने वाली ताइवानी इलेक्ट्रॉनिक कंपनी फॉक्सकॉन और भारत की वेदांता के बीच पिछले साल 19.5 अरब डॉलर का एक समझौता हुआ था. इसके तहत दोनों कंपनियां गुजरात में एक सेमीकंडक्टर प्लांट लगाने वाली थी.
भारत की साख पर सवाल
समझौता टूटने के कारणों पर ग्लोबल टाइम्स ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स के हवाले से लिखा कि भारत सरकार प्लांट के लिए प्रोत्साहन राशि देने में देरी कर रही थी जो फॉक्सकॉन के समझौतेसे बाहर निकलने का कारण बताया जा रहा है. हालांकि फॉक्सकॉन ने समझौता टूटने का कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया है. लेकिन इसने भारत की घरेलू चिप निर्माण की कोशिशों को करारा झटका दिया है.
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