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'भारतीय हिंदूओं कनाडा छोड़ दो...', खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत पन्नू ने वीडियो जारी कर दी खुली धमकी

Gurpatwant Pannu: खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. खालिस्तानी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू का वीडियो वायरल हो रहा है.

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Gyanendra Sharma
Last Updated : 20 September 2023, 08:35 AM IST
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Gurpatwant Pannu: खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. दोनों देश के तरफ से बयान आ रहे हैं. इस बीच खालिस्तानी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू का वीडियो वायरल हो रहा है. जिसमें वह कनाडा में रह रहे भारतीय हिंदूओं को धमकी दे रहा है.

खालिस्तानी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू हिंदूओं से कनाडा से निकल जाने को कह रहा है. सोशल मीडिया पर इस वीडियो को @itssamonline नाम के यूजर ने शेयर किया है. इनका नाम समीर कौशल है.

हिंदू कनाडा छोड़ दो

वीडियो में  गुरपतवंत सिंह पन्नू कहता है- भारतीय राजदूत सहित भारतीय हिंदू कनाडा छोड़ दो. तुम्हारी मंजिल इंडिया है. वापस वहां चले जाओ. खालिस्तान समर्थक सिख हमेशा से कनाडा के वफादार रहे हैं. उन्होंने हमेशा ही कनाडा का पक्ष लिया है. हम कनाडा के साथ खड़े रहे हैं. 29 अक्टूबर को 'शहीद निज्जर किल इंडिया रेफ्रेंडम' वैंकूवर में हो रहा है. मैं सभी कनाडा वासियों से वहां आने का आग्रह करता हूं. ताकि आप वहां वोट करके बता सकें कि क्या हरदीप सिंह नज्जर की हत्या के लिए इंडियन हाई कमिश्नर वर्मा जिम्मेदार हैं?

पिछले कुछ महीनों में खालिस्तान समर्थक 3 खूंखार आतंकवादियों की मौत हो चुकी है जिनमें निज्जर का नाम भी शामिल है. अब खालिस्तानी आतंकवादी और प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के चीफ गुरपतवंत सिंह पन्नू का नाम सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर अब सबसे ऊपर है. पन्नू पर राजद्रोह समेत कई आपराधिक मामले दर्ज हैं.

कौन है आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू?

गुरपतवंत सिंह पन्नू अमृतसर के गांव खानकोट का रहने वाला है. पन्नू ने् चंडीगढ़ में पंजाब यूनिवर्सिटी से कानून की डिग्री ली थी. उसके बाद न्यूयॉर्क के टूरो लॉ कॉलेज से मास्टर्स और यूनिवर्सिटी ऑफ हार्टफोर्ड से एमबीए की डिग्री ली. इसके बाद वो कनाडा चला गया. उसने पाकिस्तान के मदद से पंजाब में खालिस्तानी मुहिम को चलया. भारत ने 2019 से SFJ को प्रतिबंधित कर रखा है इसके बावजूद कनाडा, ब्रिटेन और अमेरिका जैसे देशों में संगठन के लोग आराम से अपनी गतिविधियां चलाते रहते हैं और अवैध जनमत संग्रह जैसे कामों को अंजाम देते हैं.