menu-icon
India Daily

भारतीय मूल की डॉक्टर कमल मेंघराजानी को व्हाइट हाउस में मिली बड़ी जिम्मेदारी, प्रेसिडेंट बाइडन ने किया एलान

Indian american doctor Kamal Menghrajani: भारतीय मूल की अमेरिकी डॉक्टर कमल मेंघराजानी को व्हाइट हाउस के सबसे काबिल और होनहार 15 लोगों की सूची में चुना गया है.

auth-image
Edited By: Shubhank Agnihotri
भारतीय मूल की डॉक्टर कमल मेंघराजानी को व्हाइट हाउस में मिली बड़ी जिम्मेदारी, प्रेसिडेंट बाइडन ने किया एलान

Indian american doctor Kamal Menghrajani: भारतीय लोग दुनियाभर में अपनी प्रतिभा का लोहा मनबा रहे हैं. अमेरिकी राजनीति में भारतीय लोगों का अपना अलग ही रुतबा है. इस बीच भारतीय मूल की अमेरिकी डॉक्टर कमल मेंघराजानी को अमेरिकी राष्ट्रपति कार्यालय व्हाइट हाउस में बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है. पेशे से कैंसर फिजिशियन मेंघराजानी को व्हाइट हाउस के 2023-24 के सबसे काबिल, होनहार और योग्य 15 लोगों की सूची में चुना गया है. मेंघराजानी को व्हाइट हाउस के विज्ञान और तकनीक विभाग में सेवा प्रदान करने के लिए चुना गया है.


एक साल तक व्हाइट हाउस में देंगी सेवाएं


रिपोर्ट के मुताबिक, वह  ल्यूकेमिया से पीड़ित कैंसर मरीजों के लिए काम करेंगी.  व्हाइट हाउस के प्रशासनिक अधिकारियों, कैबिनेट सचिव, और अन्य सदस्यों के साथ वह अपने अनुभवों को एक साल तक साझा करेंगी. न्यूयॉर्क में रहने वाली मेंघराजानी व्हाइट हाउस की सबसे काबिल 15 लोगों की सूची में चुनी जाने वाली अकेली भारतीय हैं. व्हाइट हाउस ने 20 सितंबर को उनके चुने जाने के बारे में एक बयान जारी किया था.


स्वास्थ्य जागरुकता के लिए चलाया अभियान

मेंघराजानी व्हाइट हाउस में कैंसर से बचाव और  रोकथाम के उपाय के लिए राष्ट्रपति की विज्ञान और तकनीकी टीम के साथ काम करेंगी. इससे पहले मेंघराजानी ने मेमोरियल स्लोअन केटरिंग कैंसर सेंटर में कैंसर से निदान के लिए समय पूर्व उपचार और रोकथाम पर शोधकार्यों को अंजाम दिया है. उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी जागरुकता फैलाने के लिए वैश्विक तौर पर कमजोर आबादी वाले देशों बोल्बिया, यूगांडा, निकारगुआ जैसे देशों में अभियान चलाया है.  

1964 में शुरु हुआ था यह कार्यक्रम

व्हाइट हाउस के फेलो प्रोग्राम के तहत युवाओं को सरकार के सबसे उच्च स्तर पर काम करने का मौका मिलता है. यहां उनके अनुभवों का इस्तेमाल संघीय सरकार अपनी योजनाओं को बनाने में करती है. व्हाइट हाउस के इस फेलो प्रोग्राम को 1964 में शुरु किया गया था. यह युवा एक साल तक राष्ट्रपति कार्यालय के प्रतिनिधियों के साथ तमाम मसलों पर काम करते हैं.

 

 

 

यह भी पढ़ेंः Fraud In US: अमेरिका में भारतीय नागरिक ने की 2.8 मिलियन डॉलर की धोखाधड़ी, कोर्ट ने....