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Hypertelescope: यूनिवर्स पर नजर रखने के लिए चांद पर वैज्ञानिक लगाएंगे विशालकाय दूरबीन "हाइपरटेलिस्कोप", जानिए इस बारे में

Giant Telescope On Moon: अंतरिक्ष के रहस्यों को जानने के लिए वैज्ञानिकों ने चांद के ऊपर एक विशालकाय टेलिस्कोप बनाने का प्रस्ताव रखा है.

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Shubhank Agnihotri
Last Updated : 23 September 2023, 06:25 PM IST
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Giant Telescope On Moon:  अंतरिक्ष प्रेमियों के लिए बेहद रोचक चीज टेलिस्कोप है, इसकी मदद से वे यूनिवर्स के अनसुलझे रहस्य को जानने समझने में करते हैं. स्पेस एजेंसियां ब्रह्मांड के रहस्यों को जानने के लिए अपने टेलिस्कोप को अंतरिक्ष में भी प्रक्षेपित करती हैं. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा अब तक का सबसे उन्नत टेलिस्कोप जेम्स वेब बनाया है.यह टेलिस्कोप अंतरिक्ष के नए पहलुओं से वैज्ञानिक समुदाय को परिचित करा रहा है. इस बीच वैज्ञानिकों ने चांद की सतह पर एक विशाल दूरबीन स्थापित करने की योजना बना रहे हैं.

 

चांद के ध्रुवों पर भी स्थापित होंगे टेलिस्कोप


रिपोर्ट के मुताबिक, आर्क्सिव (arXiv) के एक पेपर में बताया गया है कि वैज्ञानिक चांद की सतह पर एक विशालकाय टेलिस्कोप स्थापित करने की योजना पर काम कर रहे हैं. लेखक ने इस पूरी अवधारणा को हापरटेलिस्कोप नाम दिया है. वहीं वैज्ञानिक चांद के सुदूर हिस्से में एक रेडियो टेलिस्कोप भी स्थापित करने के बारे में भी विचार कर रहे हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि वैज्ञानिकों ने चांद के ध्रुवों पर लाइफ फाइंडर टेलिस्कोप को भी स्थापित करने के बारे में अपनी योजना का उल्लेख किया है. इनके जरिए सौरमंडल के बाहर के ग्रहों के वायुमंडल का अध्ययन करने में आसानी होगी.

 

आसान नहीं हैं टेलिस्कोप को बनाना


रिपोर्ट में कहा गया है कि लूनर ऑप्टिकल यूवी एक्सप्लोरर का सिद्धांत है. यह अल्ट्रावायलेट वस्तुओं के ऊपर फोकस करेगा. लेखक ने इस प्रस्ताव में गुरुत्वाकर्षण वेधशाला का भी प्रस्ताव रखा है. मीडिया रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि यह इतना आसान काम नहीं है, इसका निर्माण करना बेहद कठिन और चुनौती भरा है. इन सभी प्रस्तावों की समस्या है तकनीकी स्तर पर निर्माण. इस तरह का निर्माण पृथ्वी के ऊपर ही बेहद चुनौतीपूर्ण होता है. इस लिहाज से चांद की सतह पर टेलिस्कोप स्थापित करने की योजना उच्च तकनीकी क्षमता का विचार है.  

 

इस तरह होगा निर्माण...


रिपोर्ट के मुताबिक, ऑप्टिकल टेलिस्कोप का विचार लेखक की ओर से दिया गया है. यह चांद की सतह का लाभ उठाएगा. एक ऑप्टिकल टेलिस्कोप की शक्ति उसके प्रारंभिक दर्पण के आकार और टेलिस्कोप की फोकल लेंथ पर निर्भर करती है. पृथ्वी पर कई दर्पण लगाकर फोकल की लंबाई बढ़ाई जा सकेगी. रिपोर्ट में कहा गया है कि वैज्ञानिक चांद के एक क्रेटर को एक मिरर के माध्यम से टेलिस्कोप बनाने का प्रस्ताव देते हैं. क्रेटर को बेस मानकर इसे बनाया जाएगा.

 

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