नई दिल्ली: पाकिस्तान के राजनीतिक दल, पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने सोमवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से मुलाकात की और कहा कि पिछली सरकार की बेदखली के बाद सरकार की बागडोर संभालने के पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता आशिफ जरदारी के प्रस्ताव को स्वीकार करना सबसे बड़ी राजनीतिक भूल थी.
पीपीपी-पीएमएल-एन की दुबई में हुई मुलाकातों पर दिखे खफा
पीडीएम प्रमुख रहमान ने विधानसभाओं को भंग कर समय पर आम चुनाव कराने की आवश्यकता पर जोर दिया. पीडीएम के अलावा जमीयत उलेम-ए-इस्लाम-एफ (JUI-F) पार्टी के प्रमुख रहमान ने एक दिन पहले हाल ही में दुबई में हुईं पीपीपी और पीएमएल-एन के नेताओं की बैठकों पर नाराजगी व्यक्त की थी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इन बैठकों में मौलाना को आमंत्रित नहीं किया गया था क्योंकि उन्होंने चुनाव में हो रही देरी का विरोध किया था.
'पीडीएम को भरोसे में क्यों नहीं लिया गया'
रिपोर्टरों से बातचीत में रहमान ने कहा कि दो प्रमुख सरकारी सहयोगियों के बीच निर्धारित बैठक को लेकर गठबंधन के भीतर सवाल उठाए जा रहे हैं.
उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि पीएमएल-एन, पीडीएम का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि यदि यह कोई निर्धारित कार्यक्रम नहीं था तो यह कैसे संभव है. उन्होंने कहा कि पीपीपी जो गठबंधन का हिस्सा नहीं है उससे बातचीत करने से पहले पीडीएम को भरोसे में क्यों नहीं लिया गया?
जेयूआई-एफ के प्रवक्ता ने किया खबरों का खंडन
हालांकि जेयूआई-एफ के प्रवक्ता मोहम्मद असलम गौरी ने दुबई में हुए घटनाक्रम को लेकर पार्टी प्रमुख द्वारा चिंता जाहिर करने की खबरों का खंडन कर दिया. उन्होंने दावा किया कि पत्रकारों के साथ मौलाना की ऑफ-रिकॉर्ड बातचीत को तोड़ मरोड़कर पेश किया जा रहा है.
'समय पर कराए जाएं चुनाव'
अंग्रेस अखबार डॉन के मुताबिक मौलाना ने पीएम शहबाज शरीफ से कहा कि समय बताएगा कि पीटीआई सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के पीछे कौनसी शक्तियां थीं. मौलाना ने कहा कि हम चाहते हैं कि समय से चुनाव हों, चुनावों में देरी का मतलब हमारे लिए एक राजनीतिक घाटा होगा.
ठीक वैसे ही जैसे सरकार बनाना हमारे लिए राजनीतिक घाटा साबित हुआ है. उन्होंने कहा कि पंजाब और खैबरपख्तूनख्बा में चुनावों को लेकर स्थिति समान है. पीडीएम प्रमुख ने पीएमएल-एन के कुछ नेताओं द्वारा चुनावों में देरी को लेकर मीडिया से बातचीत किए जाने को लेकर भी नाराजगी व्यक्त की.
'देश के ताजा राजनीतिक हालातों पर हुई चर्चा'
पीएम सचिवालय की ओर से जारी किए गए एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, रहमान ने देश के ताजा राजनीतिक हालातों पर विचार-विमर्श के लिए पीएम शहबाज शरीफ से मुलाकात की.
वहीं पीएम ने सरकार में सहयोगी दलों की भूमिका की सराहना की और कहा कि उनके सहयोग के बिना देश को वर्तमान आर्थिक संकट से उबारना और आईएमएफ के समझौते को सफल बनाना संभव नहीं है.
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