नई दिल्ली: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि भारत से आने वाले कृषि उत्पादों, खासकर चावल पर जल्द ही नए टैरिफ लगाए जा सकते हैं. व्हाइट हाउस में हुई एक बैठक के दौरान ट्रंप ने कहा कि भारत को अमेरिकी बाजार में चावल 'डंप' करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए और इस पर टैरिफ लगाया जाना जरूरी है.
उन्होंने सवाल उठाया कि क्या भारत को चावल पर किसी तरह की छूट मिली हुई है. इस पर अमेरिकी ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने स्पष्ट किया कि कोई छूट नहीं है और अमेरिका भारत के साथ एक नए व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा है. ट्रंप ने कहा कि अमेरिकी किसानों के हितों की रक्षा करना उनकी प्राथमिकता है और भारत जैसे देशों से बड़े पैमाने पर चावल आयात होने से अमेरिकी किसानों पर दबाव बढ़ा है.
#WATCH | US President Donald Trump asks the United States Secretary of the Treasury, Scott Bessent, "Why is India allowed to do that ("dumping rice into the US")? They have to pay tariffs. Do they have an exemption on rice?"
— ANI (@ANI) December 8, 2025
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अमेरिका के किसानों ने हाल ही में शिकायत की है कि भारत, वियतनाम और थाईलैंड से आने वाले सस्ते चावल के कारण बाजार में कीमतें गिर रही हैं, जिससे उनकी आय प्रभावित हो रही है. ट्रंप ने किसानों को आश्वासन दिया कि वह इस समस्या का समाधान करेंगे. उन्होंने कहा कि भारत अमेरिकी बाजार में चावल नहीं डंप कर सकता और इस पर टैरिफ लगाना जरूरी है.
इसके साथ ही ट्रंप ने कनाडा से आने वाले उर्वरकों पर भी कड़े टैरिफ लगाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो इन आयातों पर बहुत 'सख्त टैरिफ' लगाए जाएंगे. उनका कहना है कि इस कदम से घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और अमेरिकी कृषि क्षेत्र मजबूत होगा. ट्रंप ने यह बयान उस समय दिया जब उन्होंने अमेरिकी किसानों के लिए 12 अरब डॉलर की नई सहायता की घोषणा की. लगातार बढ़ती महंगाई और टैरिफ नीतियों के कारण किसानों को वित्तीय चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.
अमेरिका और भारत के बीच व्यापार समझौते पर बातचीत लंबे समय से अटकी हुई है. इसी साल ट्रंप ने भारत से आने वाले कुछ उत्पादों पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया था और आरोप लगाया था कि भारत सख्त व्यापार नीतियों का पालन करता है और ऊर्जा आयात का बड़ा हिस्सा बनाए रखता है. आगे की बातचीत के लिए इस हफ्ते एक अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के भारत आने का कार्यक्रम है.