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India Daily

Donald Trump Cabinet: डोनाल्ड ट्रंप की कैबिनेट में हिंदू की एंट्री, तुलसी गबार्ड को सौंपी बड़ी ज़िम्मेदारी, चीन की हालत हुई खराब

अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को पूर्व डेमोक्रेटिक प्रतिनिधि तुलसी गबार्ड को राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (डीएनआई) के रूप में चुना है. जहां गैबरड बाइडन प्रशासन की कड़ी आलोचक रही हैं

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Edited By: Mayank Tiwari
Donald Trump With Tulsi Gabbard
Courtesy: X@newrepublic

Donald Trump Cabinet: अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने कैबिनेट के महत्वपूर्ण पदों पर लगातार नियुक्ति कर रहे हैं. इस कड़ी में ट्रंप ने बुधवार (13 नवंबर) को  तुलसी गैबरड को राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के रूप में नियुक्त किया है. तुलसी गैबरड, जोकि 43 वर्षीय पूर्व डेमोक्रेटिक प्रतिनिधि हैं और बाइडन प्रशासन की आलोचक रही हैं. बताया जा रहा है कि 2024 में ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के शुरू होने के बाद एवरिल हैन्स की जगह लेंगी.

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, तुलसी गैबरड ने साल 2022 में डेमोक्रेटिक पार्टी को छोड़कर एक स्वतंत्र नेता के रूप में अपनी पहचान बनाई थी. उनके बारे में यह कयास लगाए जा रहे थे कि वह ट्रंप के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बन सकती हैं. अब, राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के रूप में उनकी नियुक्ति से यह संकेत मिलता है कि ट्रंप उन्हें अपने दूसरे कार्यकाल में महत्वपूर्ण भूमिका देना चाहते हैं.

हमारे संविधानिक अधिकारों की रक्षा करेंगी तुलसी- ट्रंप

इस दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने तुलसी गैबरड के बारे में कहा, "मुझे यकीन है कि तुलसी अपनी बेखौफ भावना, जो उनके शानदार करियर का हिस्सा रही है. उव्हेों हम अपनी खुफिया निदेशक के तौर पर लाए हैं. हमारे संविधानिक अधिकारों की रक्षा करेंगी और शक्ति के माध्यम से शांति की स्थापना करेंगी. 

जानिए कौन हैं तुलसी गैबरेड?

दरअसल, तुलसी गैबरड ने साल 2004 से 2005 तक इराक में हवाई नेशनल गार्ड में मेजर के रूप में सेवा की. फिलहाल, वह अमेरिकी आर्मी रिजर्व में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर तैनात हैं. हालांकि गैबरड को खुफिया कार्यों का सीधा अनुभव नहीं है, फिर भी उनके करियर में उनका सैन्य अनुभव और स्वतंत्रता के प्रति प्रतिबद्धता उन्हें इस पद के लिए बेहतर बनाती है.  

कैसा रहा तुलसी गैबरड का राजनीतिक सफर!  

तुलसी गैबरड ने साल 2020 के डेमोक्रेटिक नामांकन में भी अपनी किस्‍मत आजमाई थी, लेकिन जो बाइडन से हारने के बाद उन्होंने बाइडन का समर्थन किया. डेमोक्रेटिक पार्टी छोड़ने के बाद, गैबरड ने बाइडन और उनकी नीतियों पर कड़ी आलोचना की, और कंजरवेटिव और दक्षिणपंथी मीडिया में उनकी लोकप्रियता बढ़ी. वह अक्सर आइसोलेशनिस्ट नीतियों का समर्थन करती हुईं नजर आईं और 'वोकनेस' के खिलाफ अपने विचार प्रकट करती रही हैं. 

सिनेट में मंजूरी की उम्मीद 

गैबरड का नामांकन सिनेट में चुनौतीपूर्ण नहीं माना जा रहा, क्योंकि 2024 में ट्रंप के रिपब्लिकन साथी सिनेट में 52-48 के बहुमत के साथ होंगे. इससे उनके नामांकन की मंजूरी की संभावना काफी मजबूत हो जाती है.