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चीनी जहाज को SOP का पालन किए बिना रुकने की इजाजत नहीं, श्रीलंका ने भारत की चिंताओं को ठहराया वाजिब कहा- क्षेत्र में शांति जरूरी

Srilanka China News: श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने कहा है कि हम क्षेत्र को शांति के जोन के रूप में स्थापित करना चाहते हैं. भारत की सुरक्षा चिंताएं हमारे लिए अहम हैं.

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Shubhank Agnihotri
Last Updated : 26 September 2023, 06:52 PM IST
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China Srilanka Ship: श्रीलंका ने चीन के जहाजों को अपने देश में रूकने की इजाजत देने से इंकार कर दिया है. श्रीलंका के विदेश मंत्री अली साबरी ने कहा कि भारत की चिंताएं हमारे लिए अहम हैं. इसके लिए हमने एक स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर ( SOP ) को बनाया है. इसे बनाने में हमने भारत और अन्य देशों की सलाह ली है.


क्षेत्र को पीस जोन बनाने पर जोर

अली साबरी ने आगे कहा कि हमने अगले महीने आने वाले चीनी जहाजों को श्रीलंका आने की इजाजत नहीं दी है. इस पर अब भी बातचीत की जा रही है. सुरक्षा को लेकर भारत की चिंताएं हमारे लिए बेहद अहमियत रखती हैं. उन्होंने कहा कि हम अपने क्षेत्र को पीस जोन बनाना चाहते हैं.


अगस्त में चीन ने मांगी थी परमिशन


श्रीलंका में चीनी शिप वेशल शि यान 6 के डॉक होने पर भारत की सुरक्षा चिंताओं के सवाल पूछे जाने पर साबरी ने कहा कि चीन अगर SOP को फॉलो करेगा तो हमें कोई दिक्कत नहीं है . फिलहाल अभी तक इस तरह का कोई फैसला नहीं लिया गया है.  रिपोर्ट के अनुसार, चीन का यह शिप श्रीलंका के पोर्ट पर रुककर अक्टूबर में चीनी रिसर्च वेसल नेशनल एक्वेटिक रिसोर्सेज रिसर्च एंड डेपलपमेंट एजेंसी के साथ रिसर्च को अंजाम देने वाला था. चीन ने इसी शिप को लेकर अगस्त महीने में शि यान 6  वेसल को डॉक करने की परमिशन मांगी थी.

 

चीन ने भारत की सुरक्षा चिंताओं का किया था विरोध

पिछले साल चीन के स्पाई वेसल युआन वांग-5 की श्रीलंका में मौजूदगी को लेकर भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी. जयशंकर ने कहा था कि भारत के पड़ोस में होने वाली किसी भी हरकत से अगर देश की सुरक्षा प्रभावित होती है तो यह हमारे लिए बेहद चिंता का विषय है. चीन ने भारत की इन सुरक्षा चिंताओं पर आपत्ति जताई थी. उसने कहा था कि द्वीपीय देश पर दबाब डालने के लिए कुछ देश अपनी सुरक्षा चिंताओं का हवाला दे रहे हैं. यह सही नहीं है.

भारत ने पिछले साल की थी बड़ी मदद

श्रीलंका ने पिछले साल अपने इतिहास के सबसे बड़े आर्थिक संकट का सामना किया था. इस दौरान भारत उसका सबसे बड़ा मददगार बनकर उभरा था. भारत ने श्रीलंका को फौरी तौर पर 4 अरब डॉलर से ज्यादा की आर्थिक मदद की थी. भारत की इस मदद के लिए श्रीलंका के प्रधानमंत्री भारत का कई बार आभार जता चुके हैं. उन्होंने कहा था कि भारत की मदद से ही श्रीलंका धीरे-धीरे अपने वित्तीय संतुलन को हासिल कर पाया है.

 

 

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