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Bangladesh: हाई कोर्ट ने अंतरिम सरकार से पूछा- संत चिन्मय कृष्ण दास को जमानत क्यों न दी जाए?

पिछले साल 31 अक्तूबर को चिन्मय कृष्ण दास के खिलाफ राष्ट्रीय झंडे के अपमान के आरोप में देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था. उन्हें 25 नवंबर को ढाका से गिरफ़्तार किया गया था.

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Edited By: Mayank Tiwari
हिंदू संत चिन्मय कृष्ण दास.
Courtesy: Social Media

बांग्लादेश की हाई कोर्ट ने एस्कॉन और सनातनी जागरण जोत से जुड़े चिन्मय कृष्ण दास की ज़मानत याचिका पर सुनवाई करते हुए सरकार से पूछा है कि उन्हें ज़मानत क्यों नहीं दी जा सकती. इस पर अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए सरकार से इस सवाल का जवाब दो सप्ताह में देने को कहा है. हाई कोर्ट में जस्टिस अताउर रहमान और जस्टिस मोहम्मद अली रज़ा की बेंच ने मंगलवार को चिन्मय कृष्ण दास की ज़मानत याचिका पर सुनवाई करते हुए ये आदेश जारी किया है.

चिन्मय कृष्ण दास पर देशद्रोह का आरोप

चिन्मय कृष्ण दास के खिलाफ पिछले साल 31 अक्टूबर को राष्ट्रीय ध्वज के अपमान के आरोप में देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था. इस आरोप के बाद उन्हें 25 नवंबर को ढाका से गिरफ्तार किया गया था. एक दिन बाद, 26 नवंबर को चटगांव अदालत में पेशी के दौरान, दास की ज़मानत याचिका खारिज हो गई थी.

इसके बाद पुलिस और उनके समर्थकों के बीच हुई झड़प में एक वकील की मौत हो गई, जिससे मामले ने और गंभीर मोड़ ले लिया.

दास की ज़मानत याचिकाओं की बार-बार अस्वीकृति

चिन्मय कृष्ण दास की ज़मानत याचिकाएं कई बार खारिज की जा चुकी हैं, लेकिन अब हाई कोर्ट ने इस मामले में नए निर्देश दिए हैं. अदालत ने सरकार से पूछा कि क्यों न दास को ज़मानत दी जाए, और दो सप्ताह के भीतर इसका जवाब देने को कहा है.

भारत की गहरी चिंता और बांग्लादेश में इस्कॉन पर प्रतिबंध की मांग

भारत ने चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को लेकर गहरी चिंता जताई थी, और बांग्लादेश में कई लोगों ने इस्कॉन पर प्रतिबंध लगाए जाने की मांग भी की है. इस मामले में दोनों देशों के बीच संवेदनशीलता बढ़ गई है, और यह अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित कर रहा है.

चिन्मय कृष्ण दास को लेकर क्या है विवाद?

बता दें कि, 5 अगस्त को बांग्लादेश में शेख़ हसीना सरकार के पतन के बाद से ही आरोप लग रहे हैं कि वहाँ अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ गए हैं. अल्पसंख्यकों पर कथित हमले के ख़िलाफ़ चिन्मय कृष्ण दास कई विरोध-प्रदर्शन में शामिल हुए थे. ये प्रदर्शन सम्मिलित सनातनी जागरण जोत संगठन के बैनर तले होते रहे थे और इसके प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास हैं.

ये विवाद तब शुरू हुआ चिन्मय कृष्ण दास समेत 19 लोगों के ख़िलाफ़ चटगांव कोतवाली पुलिस स्टेशन में राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था.उन पर आरोप लगा कि उन्होंने 25 अक्तूबर को चटगांव के न्यू मार्केट इलाक़े में बांग्लादेश के राष्ट्रीय ध्वज का अपमान किया था.