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'अमेरिका भारत को मास्को से दूर करने के लिए प्रतिबंधों की दे रहा धमकी', रूसी राजदूत का बड़ा बयान

भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा कि अमेरिकी अधिकारी सीधे यह कहने में संकोच नहीं करते कि वे नई दिल्ली को मॉस्को से अलग करना चाहते हैं. वे प्रतिबंधों की धमकी दे रहे हैं.

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Russian Ambassador Denis Alipov

नई दिल्ली: भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने अमेरिका और भारत के संबंधों को लेकर बड़ा बयान दिया है. राजदूत डेनिस अलीपोव ने अपने बयान में कहा कि उनका देश नई दिल्ली का विश्वसनीय मित्र है लेकिन अमेरिका प्रतिबंधों की धमकी देकर हमारे संबंधों को खराब करने की कोशिश कर रहा है. 

उन्होंने आगे कहा कि भारत में रूस को एक विश्वसनीय, ईमानदार, नेक इरादे वाले, समय की कसौटी पर खरे उतरने वाले दोस्त के तौर पर मजबूत प्रतिष्ठा प्राप्त है. ऐसी छवि शुरू में भारतीय सामाजिक-आर्थिक विकास में यूएसएसआर के प्रमुख योगदान के कारण बनी थी और यह काफी हद तक आज भी कायम है.

'भारत को मॉस्को से अलग करने की धमकी'

एक समाचार एजेंसी के साथ इंटरव्यू के दौरान रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने कहा कि यहां आने वाले अमेरिकी अधिकारी सीधे तौर पर यह कहने में संकोच नहीं करते हैं कि वे नई दिल्ली को मॉस्को से अलग करने के लक्ष्य का पीछा कर रहे हैं. वे प्रतिबंधों की धमकी दे रहे हैं. कुछ भारतीय साझेदारों को सावधानी बरतने के लिए मजबूर किया जाता है लेकिन बड़ी संख्या में ऐसे लोग भी हैं जिनके लिए ऐसा नजरिया अस्वीकार्य है. 

'घरेलू मामले में नहीं किया हस्तक्षेप'

दोनों देशों के बीच बढ़ते द्विपक्षीय संबंधों पर बोलते हुए रूसी दूत ने कहा कि हमारे राष्ट्रीय हितों के अनुरूप हमारे संबंधों का व्यापक क्षेत्रों में लगातार विस्तार जारी है. हमने कभी भी राजनीति पर सहयोग की शर्त नहीं रखी है. घरेलू मामले में हस्तक्षेप नहीं किया और हमेशा पारस्परिक रूप से सम्मानजनक और भरोसेमंद रिश्ते बनाए रखे हैं. इसलिए अब भी हम मुख्य रूप से एक साथ काम करने की इच्छाशक्ति के साथ आगे बढ़ रहे है. 

यूएनएससी में भारत के लिए स्थायी सीट की वकालत

अलीपोव ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के रूप में भारत को शामिल करने का मजबूत पक्ष रखते हुए संयुक्त राष्ट्र और इसके तहत एजेंसियों में तत्काल सुधार का भी आह्वान किया. रूसी दूत ने कहा कि हमारा विचार है कि सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के रूप में भारत विश्व बहुमत, मुख्य रूप से वैश्विक दक्षिण के देशों के हितों पर केंद्रित एजेंडे के साथ-साथ संतुलन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है. हमने नई दिल्ली की उम्मीदवारी के लिए अपने समर्थन का बार-बार संकेत दिया है. हमारे भारतीय साझेदारों ने 2021-2022 में यूएनएससी में अपनी अस्थायी सदस्यता के दौरान खुद को योग्य साबित किया है. 

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