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India Daily

16 घंटे हथकड़ी में, जानवरों जैसा बर्ताव : हनीमून से लौटी महिला ने सुनाई अमेरिका में हिरासत की दिल दहला देने वाली कहानी

टेक्सास की रहने वाली 22 वर्षीय वॉर्ड साकेइक, जो अमेरिकी नागरिक से शादी के बाद हनीमून से लौटी थीं, उन्हें मियामी एयरपोर्ट पर अमेरिकी इमिग्रेशन अधिकारियों ने हिरासत में ले लिया. वह 140 दिन तक डिटेंशन सेंटर में बंद रहीं, जहां उन्हें 16 घंटे हथकड़ी में भूखा-प्यासा रखा गया. उन्होंने अपनी स्थिति की तुलना मवेशियों जैसा व्यवहार किए जाने से की. अब रिहा होने के बाद उन्होंने अपनी कहानी दुनिया के सामने रखी है.

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Edited By: Kuldeep Sharma
Ward Sakeik
Courtesy: web

साउदी अरब में जन्मी लेकिन किसी भी देश की नागरिकता न रखने वाली वॉर्ड साकेइक को अमेरिका में एक भयावह अनुभव से गुजरना पड़ा. अमेरिका में आठ साल की उम्र से रह रही वॉर्ड एक सफल वेडिंग फ़ोटोग्राफ़र हैं और उन्होंने हाल ही में अमेरिकी नागरिक ताहिर से विवाह किया था. लेकिन हनीमून से लौटते ही उन्हें अमेरिकी इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) ने हिरासत में ले लिया. अब रिहा होने के बाद उन्होंने अमेरिकी सिस्टम पर गंभीर सवाल उठाए हैं.

वॉर्ड ने बताया कि गिरफ्तारी के तुरंत बाद उन्हें ग्रे ट्रैकसूट पहनाया गया और पैरों में बेड़ियां डाल दी गईं. उन्हें तीन अलग-अलग डिटेंशन सेंटर्स में ले जाया गया, जहां हर जगह हालात बेहद खराब थे. सबसे पहली बार जब उन्हें ट्रांसफर किया गया तो वे रमज़ान में रोज़े से थीं और उन्हें 16 घंटे तक बस में भूखा-प्यासा बिठाए रखा गया. ड्राइवर खुद चिक-फिल-ए खा रहा था, जबकि महिलाएं दरवाजा पीट-पीट कर पानी मांग रही थीं. उन्होंने अंततः वॉशरूम के पास बैठकर रोज़ा तोड़ा.

प्रेयरीलैंड डिटेंशन सेंटर में हालात बेहद खराब

प्रेयरीलैंड डिटेंशन सेंटर में हालात बेहद खराब थे. वॉर्ड ने बताया कि सेंटर में बिस्तरों पर जंग लगी थी, शौचालय बेहद गंदे थे और जगह-जगह कॉकरोच, टिड्डे, मकड़ियां घूमती रहती थीं. "लड़कियों को कीड़ों ने काटा, कई बीमार पड़ गईं. सफाई की कोई व्यवस्था नहीं थी." उनका कहना है कि उन्हें जानवरों की तरह रखा गया और मानवाधिकार पूरी तरह से छीन लिए गए.

क्यों हुई गिरफ्तारी?

वॉर्ड और उनके पति ने यूएस वर्जिन आइलैंड्स में हनीमून मनाने का निर्णय लिया था, क्योंकि ये अमेरिका का ही हिस्सा हैं और इसके लिए पासपोर्ट की आवश्यकता नहीं होती. लेकिन वापसी में मियामी एयरपोर्ट पर उन्हें इंटरनेशनल ट्रैवलर मानते हुए रोक लिया गया. बाद में अधिकारियों ने कहा कि उन्होंने वीज़ा की अवधि पार कर दी थी और उनके खिलाफ पहले से डिपोर्टेशन ऑर्डर था. हालांकि, वह लगातार ICE के साथ चेक-इन करती रहीं और अमेरिकी सिस्टम का पालन करती रहीं.

क्यों हैं स्टेटलेस वॉर्ड साकेइक?

वॉर्ड साकेइक का जन्म सऊदी अरब में एक ग़ज़ा मूल के परिवार में हुआ, लेकिन सऊदी अरब में विदेशी माता-पिता के बच्चों को नागरिकता नहीं दी जाती. 8 साल की उम्र में उनका परिवार अमेरिका आया और शरण मांगी, जो अस्वीकार कर दी गई. इसके बावजूद, उन्हें अमेरिका में ‘ऑर्डर ऑफ सुपरविजन’ के तहत रहने की अनुमति मिली और काम करने का अधिकार मिला. उन्होंने स्कूल और यूनिवर्सिटी की पढ़ाई पूरी की, अपना फ़ोटोग्राफ़ी बिज़नेस शुरू किया और हाल ही में शादी की थी. वह ग्रीन कार्ड की प्रक्रिया में थीं, जब यह हादसा हुआ.

रिहा होने के बाद वॉर्ड ने कहा कि वह उन महिलाओं के लिए आवाज़ उठाना चाहती हैं जिन्हें बेहतर जीवन की तलाश में अमेरिका में अमानवीय हालात झेलने पड़ते हैं. "हम अपराधी नहीं हैं, बस एक बेहतर ज़िंदगी की उम्मीद लिए यहां आए हैं. लेकिन हमें इंसान नहीं समझा गया. हमें ‘कमतर’ माना गया, सिर्फ इसलिए कि हम अपने लिए एक सुरक्षित भविष्य चाहते थे." अब वॉर्ड का लक्ष्य है कि वह बाकी डिटेंशन में बंद महिलाओं की मदद करें और अमेरिका की इमिग्रेशन व्यवस्था में सुधार की दिशा में काम करें.