नई दिल्ली: 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर सभी दलों ने अपनी-अपनी तैयारियां शुरु कर ली हैं. यूपी में समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बसपा और बीजेपी अपनी रणनीति के साथ चुनावी महासमर में कूदने को तैयार है. विपक्षी गठबंधन इंडिया के बैनर तले समाजवादी पार्टी चुनावी मैदान में हुंकार भरने की तैयारी में है. यूपी में सपा की सहयोगी दल रालोद भी विपक्षी गठबंधन इंडिया का हिस्सा है और रालोद के मुखिया जंयत चौधरी बीते दिनों बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक में हिस्सा भी लिए थे लेकिन दिल्ली सर्विस बिल पर राज्यसभा में वोटिंग के दौरान जयंत चौधरी की गैर मौजूदगी ने इंडिया गठबंधन को असहज स्थिति में डाल दिया था.
"रालोद लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के साथ"
रालोद की बीजेपी के साथ बढ़ रही सियासी नजदीकियों को लेकर जंयत चौधरी ने बड़ा बयान दिया है. जंयत चौधरी ने बड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कहा कि " इस तरह के अफवाहों पर बिल्कुल ध्यान नहीं देना है. रालोद लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी गठबंधन इंडिया के साथ है. पीएम मोदी ने मणिपुर मुद्दे पर भाषण देकर केवल और केवल खानापूर्ति की है. मणिपुर में विश्वास बहाल होना चाहिए"
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रालोद विधायकों ने सीएम योगी से की मुलाकात
सियासी गलियारों में चल रही अटकलों की मानें तो जयंत चौधरी की बीजेपी के साथ सियासी खिचड़ी पक रही है. इन कयासों को तब और बल मिल गया जब यूपी विधानसभा सत्र के दौरान रालोद विधायकों ने सीएम योगी आदित्यनाथ के साथ मुलाकात की थी. इस मुलाकात के बाद जयंत चौधरी के अगले सियासी कदम की चर्चा होने लगी. कयासों का बाजार गर्म होने के बाद रालोद की तरफ से बड़ा बयान जारी करते हुए कहा गया कि रालोद विधायकों से सीएम योगी से मुलाकात किसानों के मुद्दे को लेकर था.
"खिचड़ी, पुलाव, बिरयानी...खीर खाओ"
अटकलों को और मजबूती देने का काम किया. मुख्यमंत्री के साथ रालोद विधायकों की मुलाकात ने उत्तर प्रदेश की सियासत में सनसनी मचा दी. रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने ट्वीट कर लिखा है कि "खिचड़ी, पुलाव, बिरयानी जो पसंद है खाओ! वैसे चावल खाने ही हैं तो खीर खाओ!" जिसमें बाद इस बात की चर्चा होने लगी थी कि जयंत चौधरी 2024 से पहले कोई बड़ा उलटफेर कर सकते हैं. लेकिन जयंत चौधरी ने बयान देकर साफ तौर पर जाहिर कर दिया है कि वह बीजेपी में शामिल नहीं होना चाहते हैं.
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