नई दिल्ली: देश की सियासत में ओडिशा के CM नवीन पटनायक की पहचान एक सौम्य शालीन और विकासवादी सोच के राजनेता के रूप में होती रही है. सभी दल के नेताओं से उनके निजी संबंध हैं और ओडिशा की क्षेत्रीय सियासत में उनकी एक अलग पहचान. क्या सत्ता पक्ष क्या विपक्ष उनके ओडिशा मॉडल की चर्चा सभी करते है. पीएम मोदी के साथ भी उनके निजी रिश्तें सियासी हलकों में गाहे-बगाहे सुर्खियां बटोरती रहती हैं. जिसकी एक झलक बीते दिनों सार्वजनिक मंच पर देखने को मिली.
ओडिशा में आईआईएम संबलपुर के स्थायी परिसर का उद्घाटन करने पहुंचे पीएम मोदी ने CM नवीन पटनायक को अपना दोस्त कहकर संबोधित किया. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि ओडिशा के राज्यपाल रघुबर दास जी, मुख्यमंत्री और मेरे मित्र नवीन पटनायक जी. यह ओडिशा में विकास की यात्रा में एक बड़ा दिन हैं. वहीं नवीन पटनायक ने अपने संबोधन में कहा कि माननीय प्रधानमंत्री ने भारत के लिए एक नई दिशा निर्धारित की है और हम एक आर्थिक महाशक्ति बनने की राह पर हैं. फिर क्या पीएम मोदी और नवीन पटनायक की जुगलबंदी ने BJP और BJD गठबंधन की चर्चाओं को हवा दे दिया.
लोकसभा के साथ-साथ इस बार ओडिशा में विधानसभा चुनाव होने है. ओडिशा विधानसभा में कुल 147 सीट तो 21 लोकसभा की सीटें है. ऐसे में बीजेपी को कोशिश अपने साथ नये साथियों को जोड़ने की है, जिससे 2024 की चुनावी लड़ाई में बड़ी जीत हासिल कर सकें. बीजेपी की नजर ओडिशा में अधिक से अधिक लोक सभा सीट जीतने पर है और विधानसभा चुनाव में सत्ता पर काबिज होने की है. ओडिशा की राजनीति में बीजू जनता दल के साथ ही कांग्रेस भी सक्रिय है. ऐसे में अब देखना होगा कि क्या BJD के बीजेपी आती है या अकेले ही चुनाव लड़ने का फैसला करती है.
CM नवीन पटनायक बीजेपी के प्रति हमेशा नरम रूख रखते है. इससे पहले भी दोनों दलों के बीच गठबंधन रहे है और BJP ओडिशा सरकार में साझेदार दल रही हैं. सीएम नवीन पटनायक ने कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की तारीफ भी कर चुके है. राज्य सभा के उप सभापति का चुनाव हो या राष्ट्रपति का चुनाव, कई मौकों पर नवीन पटनायक केंद्र सरकार का समर्थन करते हुए नजर आए है. ऐसे में कयास इस बात के लगाए जा रहे है कि चुनावी बेला नजदीक आने के साथ नवीन पटनायक NDA के छतरी तले नजर आ सकते है.
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